
प्रयागराज, 08 मई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल मंदिर मस्जिद विवाद में सर्वे टीम व पुलिस पर पथराव करने, लोक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपितों की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने तीन अभियुक्तों शाने आलम, रेहान व फैजान की जमानत अर्जी पर दिया है। याची अधिवक्ता ने बताया कि तीनों अभियुक्त कई-कई मुकदमों में आरोपित हैं, अभी तीनों को एक-एक मुकदमे में जमानत मिली है।
बता दें कि संभल कोतवाली एवं थाना नखासा पुलिस ने तीन महिलाओं सहित कुल 83 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसमें मस्जिद इंतजामिया कमेटी के साथ जफर अली एडवोकेट भी शामिल है।
याचियों का कहना था कि उनका नाम एफआईआर में शामिल नहीं है। उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं है। उन्हें मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही सी सी टी वी फुटेज से तस्दीक कराई गई है। उन्हें झूठा फंसाया गया है।
पत्थरबाजी व फायरिंग में जिन दो पुलिस अधिकारियों को गोली लगी है, चोट जानलेवा नहीं है। वे 19 जनवरी 25 से जेल में बंद हैं। जिला अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दी थी।
19 नवम्बर को हिन्दू पक्ष की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद ही श्री हरिहर मंदिर है। जिसका शास्त्रों में उल्लेख है। 19 नवम्बर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ और दूसरे चरण का सर्वे 24 नवम्बर को हुआ। मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा मुस्लिम की भीड़ ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग की। उग्र भीड़ ने सरकारी गाड़ियों को फूंक दिया। उत्पात मचाया। 21 लोगों सहित 8-9 सौ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज है।
हालांकि सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया कहा याची निर्दोष है या नहीं, ट्रायल में तय होगा। आरोप गम्भीर है। जमानत न दी जाय। कोर्ट ने तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए तीनों आरोपितों की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
