प्रयागराज, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक रफीक अंसारी की थाना नौचंदी व थाना सिविल लाइंस, मेरठ में दर्ज आपराधिक मामले में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
उन्होंने 13 आपराधिक केसों का खुलासा करते हुए कहा कि नौचंदी में दर्ज मामले को सरकार ने वापस लेने का फैसला लिया है। सरकार की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 की अर्जी अदालत में लम्बित है। सिविल लाइंस केस में याची का कहना है कि चार सह अभियुक्तों की जमानत हो चुकी है और याची की भूमिका अपराध करने की नहीं है। इसलिए दोनों में जमानत पर रिहा करने की मांग की और कहा वह ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे।
जिस पर कोर्ट ने दोनों मामलों में सशर्त जमानत मंजूर करते हुए रिहाई का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने रफीक अंसारी की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है।
अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद ने बहस की। इनका कहना था कि एक केस दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर का है। एक तरफ से 25-30 अभियुक्त तो दूसरी तरफ से 10-15 अभियुक्त बनाये गये हैं। पुलिस रिपोर्ट पर प्रोटेस्ट को स्वीकार करते हुए अदालत ने ट्रायल चलाने का फैसला लिया है। याची 27 मई 24 से जेल में बंद हैं।
दूसरे मामले में 22 अभियुक्त नामित थे। अदालत ने सभी को बरी कर दिया। उसके बाद पुलिस ने पूरक चार्जशीट दाखिल की जिसमें याची नामित किया गया है। किंतु सरकार ने खुद ही केस वापसी की अर्जी दी है। सरकार के पास सबूत नहीं है, इसलिए जमानत दी जाय।
(Udaipur Kiran) /आर.एन
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / दिलीप शुक्ला