हरिद्वार, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में उद्योग-स्तर के बैक-एंड अनुप्रयोगों का निर्माण विषय पर कार्यशाला का समापन हुआ। कार्यशाला का आयोजन रिचा फाउंडेशन और आईबीएम के सहयोग से किया गया था, और इसका उद्देश्य छात्रों को मजबूत, उद्योग-मानक बैक-एंड सिस्टम के विकास के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था।
कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों को रीचा फाउंडेशन के उद्योग विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिला, जिनमें परितोष बिष्ट, सौरभ सिंह और वासु सेठी शामिल थे। विशेषज्ञों ने बैक-एंड विकास, उद्योग के रुझान और व्यावहारिक अनुप्रयोग-निर्माण प्रक्रियाओं पर अमूल्य ज्ञान साझा किया।
गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. ने छात्रों की शिक्षा पर कार्यशाला के सकारात्मक प्रभाव की सराहना करते हुए अपनी शुभकामनाएं भेजीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं हमारे विश्वविद्यालय की उच्च-गुणवत्ता, उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं।
कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने भी कार्यशाला के सफल समापन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा, ऐसी कार्यशाला हमारे छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. विपुल शर्मा ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को बधाई दी। इस कार्यशाला ने हमारे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया है जो आज की तकनीक-संचालित दुनिया में आवश्यक है।
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. मयंक अग्रवाल ने समापन भाषण दिया। उन्होंने कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें बधाई दी और भविष्य के शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रयासों में प्राप्त कौशल और ज्ञान को लागू करने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. अग्रवाल ने रीचा फाउंडेशन, आईबीएम और आयोजन समिति के विशेषज्ञों को कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके अथक प्रयासों के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया।
समापन समारोह में शशांक शर्मा, अभिशांत, कुलदीप, मुकेश और डॉ. अमन त्यागी सहित प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जिन्होंने कार्यशाला के आयोजन और निष्पादन में सक्रिय भूमिका निभाई।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला