
जयपुर, 15 मई (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के पवन को जान से मारने की धमकी मिलना प्रदेश के लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है। यह तीसरी बार है जब मुख्यमंत्री को ऐसी धमकी दी गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि इस घटना ने प्रदेशभर के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जब मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? गहलोत ने लिखा कि प्रदेश में बीते डेढ़ साल से हत्या, लूट, दुष्कर्म, चोरी जैसे गंभीर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके बावजूद सरकार की प्राथमिकता अपराधियों पर लगाम कसने की बजाय आंकड़ों को कम दिखाने पर ही केंद्रित नजर आ रही है।
उन्होंने लिखा कि यह स्थिति और भी चिंताजनक तब हो जाती है जब राज्य के मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय भी हो और फिर भी कानून-व्यवस्था इस तरह कमजोर होती नजर आए। प्रदेश की जनता अब सवाल कर रही है कि आखिर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कब सुधरेगी? अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वे अब मुख्यमंत्री और अफसरों को भी धमकाने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मिली धमकी लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है और सरकार को इस पर तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। राज्य की जनता अब चाहती है कि सरकार केवल बयानबाजी न करे, बल्कि ऐसे मामलों में ठोस और सख्त कदम उठाए। धमकी देने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कानून के कठघरे में लाया जाए, ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना बनी रहे।
गहलोत ने कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के निवास पर हुई लूटपाट की घटना को लेकर भी राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पोस्ट किया कि राजस्थान में अपराध से अब अराजकता जैसी स्थिति बनती जा रही है। जयपुर कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के घर दिन दहाड़े लूट एवं उनकी मां एवं पत्नी को जहर का इंजेक्शन लगाकर मारने का प्रयास किया गया। ऐसा लगता है जैसे राजस्थान में कानून का इकबाल लगभग खत्म हो गया है। जयपुर शहर में चोरी, लूट, फायरिंग, डकैती जैसे अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिससे आमजन में भय व्याप्त हो रहा है। इन घटनाओं में संलिप्त अपराधी भी पुलिस की पकड़ से बाहर रहते हैं जिसके कारण वो बार-बार अपराध करते हैं। जनता पूछ रही है कि इस डर के माहौल एवं अराजकता के वातावरण से कब मुक्ति मिलेगी?
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(Udaipur Kiran) / रोहित
