गोपेश्वर, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठन चमोली के चुनाव के बाद पहली बैठक चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में संपन्न हुई। बैठक में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई, जिसमें जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को हाईस्कूल के अधीन से अलग किये जाने की मांग के साथ ही बीमार शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का विरोध किया गया।
संगठन की बैठक बतौर मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कुसुमलता उनियाल से शिरकत की। बैठक में संगठन के नव निर्वाचित जिलाध्यक्ष उपेंद्र सती ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का हर संभव समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन शिक्षक और छात्रहितों के लिए कार्य करता रहेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से शिक्षकों की तमाम मांगों को भी रखा। उन्होंने कहा कि चमोली जिले में कई स्थानों पर जूनियर हाईस्कूल और हाईस्कूल एक साथ संचालित हो रहे है, जबकि अन्य जिलों में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ व्यवस्थाओं के कारण दोनों विद्यालय एक साथ संचालित हो रहे हैं तो जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को हाईस्कूल के अधीन न रखा जाए। उन्होंने यह भी मांग रखी की कनिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को व्यवस्था के लिए प्राथमिक विद्यालयों में भेजा जा रहा है, जिससे जूनियर हाईस्कूल के पठन पाठन में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। विभाग को इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने जूनियर हाईस्कूल के शिक्षको के प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति दुर्गम विद्यालयों में किये जाने पर भी रोष जताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में कई शिक्षक वृद्धावस्था के कारण पदोन्नति का लाभ नहीं ले पाते है। इस मौके पर निवर्तमान कार्यकारणी के पदाधिकारियों और सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।
बैठक में भुवन डिमरी, दिनेश नैनवाल, राजेंद्र ढौंडियाल, भागचंद्र कैशवानी, ममता डिमरी, शंभुप्रसाद कुनियाल, रणजीत गिरी, पुरुषोत्तम डिमरी, अरविंद डिडोयाल, कुलदीप नेगी आदि मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल