शिमला, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में अवैध खनन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ऊना में एक साल के लिए माइनिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस दौरान क्रशरों पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई है। अवैध खनन की शिकायतों की जांच के लिए उपायुक्त (डीसी) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेरी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
उद्योग मंत्री ने की माइनिंग अधिकारियों संग बैठक
यह निर्णय उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में माइनिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में अवैध खनन पर मिली शिकायतों और उससे जुड़े अन्य मामलों पर गहन चर्चा की गई। मंत्री ने अधिकारियों से फीडबैक लिया और उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
क्रशरों पर पूर्ण प्रतिबंध
हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि ऊना जिले में अवैध खनन की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं। इन्हें देखते हुए जिले में नया क्रशर लगाने और माइनिंग पर एक साल के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। मंत्री ने कहा कि ऊना से अवैध खनन की शिकायतें काफी समय से आ रही थीं, जिससे पर्यावरण और प्रशासन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
हाई पावर कमेटी का गठन
मंत्री ने कहा कि एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस कमेटी में माइनिंग अधिकारी भी शामिल होंगे। यह कमेटी न केवल मौजूदा स्थिति का आकलन करेगी बल्कि सरकार को सुझाव भी देगी कि भविष्य में माइनिंग से संबंधित गतिविधियों को कैसे नियंत्रित और संचालित किया जाए।
पुलिस पर भी उठे सवाल
बैठक में यह भी सामने आया कि कुछ मामलों में पुलिस और माइनिंग विभाग के अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी है। मंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायतें भी आई हैं कि पुलिस के कुछ कर्मी और अधिकारी माइनिंग से जुड़ी सूचनाओं को लीक कर देते हैं। इन मामलों में मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है और निर्देश दिए गए हैं कि पुलिस की ओर से इस तरह की सूचनाओं का लीक होना गंभीर अपराध माना जाएगा।
सख्त कार्रवाई के आदेश
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई पुलिस कर्मी या अधिकारी माइनिंग संबंधी सूचना को लीक करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) को निर्देशित किया गया है कि वे माइनिंग अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर काम करें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा