WORLD

कोलंबिया विवि के छात्र और फिलिस्तीन समर्थक खलील को बिना वारंट हिरासत में लेने का खुलासा

कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र महमूद खलील। फोटो-फाइल

वाशिंगटन, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । फिलिस्तीन समर्थक और कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र महमूद खलील को पिछले महीने बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के हिरासत में लिया गया। सीरिया में जन्मे और ग्रीन कार्ड धारक खलील को 8 मार्च को रमजान के दौरान इफ्तार से लौटने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

एनबीसी न्यूज चैनल के अनुसार, गुरुवार को जारी किए गए अदालती दस्तावेजों से इसकी पुष्टि हुई है कि खलील को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के हिरासत में लिया गया। अदालती दस्तावेजों में होमलैंड सुरक्षा विभाग के वकीलों ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों के पास ”वारंट रहित गिरफ्तारी करने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ थीं”। यह आशंका थी कि वह वह सहयोग नहीं करेगा और भागने की फिराक में है। संघीय आव्रजन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि उसके भागने का जोखिम है। इसलिए गिरफ्तारी आवश्यक थी।

चैनल के अनुसार, गिरफ्तारी के वीडियो फुटेज में खलील को सहयोग करते हुए और अधिकारियों से यह कहते हुए दिखाया गया है, ”हां, मैं आपके साथ चलने के लिए तैयार हूं।” खलील इस समय लुइसियाना में एक इमिग्रेशन डिटेंशन सुविधा में हिरासत में है। खलील की पत्नी नूर अब्दुल्ला ने पिछले दिनों पहले बच्चे के जन्म दिया है।

खलील के वकीलों का तर्क है कि उनके मुवक्किल के अपार्टमेंट बिल्डिंग में प्रवेश करने के लिए वारंट की आवश्यकता थी। खलील की कानूनी टीम मामले को खारिज करने की मांग कर रही है। टीम का दावा है कि उसने गिरफ्तारी के दौरान अधिकारियों के साथ सहयोग किया और यह साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया है कि वह भागने का जोखिम था।

होमलैंड सुरक्षा विभाग की सहायक सचिव ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने शुक्रवार को एक ई-मेल बयान में कहा, खलील ने भागने की कोशिश की, इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके यहां जाते समय प्रशासनिक गिरफ्तारी वारंट निष्पादित किया गया था। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उधर, ट्रंप प्रशासन ने आठ मार्च को न्यूयॉर्क शहर में खलील की गिरफ़्तारी के बाद से उसे अमेरिका से निर्वासित करने के लिए दो आधार प्रस्तुत किए हैं। प्रशासन ने इमिग्रेशन कानून में एक प्रावधान का हवाला दिया जो राज्य के सचिव को किसी व्यक्ति को निर्वासित करने का अधिकार देता है। दूसरा आधार 23 मार्च को सार्वजनिक किया गया। इसमें आरोप लगाया गया है कि खलील ने कुछ संगठनों में अपनी सदस्यता के बारे में जानकारी छुपाई और अपने स्थायी निवास आवेदन में बेरूत में ब्रिटिश दूतावास में सीरिया कार्यालय में अपने रोजगार का खुलासा करने में विफल रहा।

—————

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

Most Popular

To Top