शंघाई/बोगोटा, 18 मई (Udaipur Kiran) । कोलंबिया ने चीन के नेतृत्व में संचालित न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) में सदस्यता के लिए आवेदन किया है। यह कदम लैटिन अमेरिकी देशों की बदलती विदेश नीति की दिशा की ओर संकेत करता है, जिसमें वे अब पारंपरिक अमेरिकी प्रभाव से हटकर चीन जैसे उभरते वैश्विक शक्ति केंद्रों की ओर रुख कर रहे हैं।
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने हाल ही में अपने चीन दौरे के दौरान शंघाई में ब्राजील की पूर्व राष्ट्रपति और एनडीबी की प्रमुख दिल्मा रूसेफ से मुलाकात की। पेट्रो ने घोषणा की कि उनका देश इस बहुपक्षीय विकास बैंक में 512 मिलियन अमेरिकी डॉलर के शेयर खरीदेगा।
राष्ट्रपति पेट्रो ने विशेष रूप से उस 120 किलोमीटर लंबे नहर या रेलवे परियोजना का ज़िक्र किया जो कोलंबिया के अटलांटिक और प्रशांत महासागर के तटों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है। उन्होंने इसे दक्षिण अमेरिका और एशिया के बीच व्यापार के लिहाज से रणनीतिक कड़ी बताया और आशा जताई कि एनडीबी से इस परियोजना को वित्तीय सहयोग मिलेगा।
कोलंबिया एनडीबी में सदस्यता के लिए आवेदन करने वाला लैटिन अमेरिका का दूसरा देश है। इससे पहले 2021 में उरुग्वे ने इस बैंक में शामिल होने की इच्छा जताई थी। हालांकि, कोलंबिया का यह कदम वॉशिंगटन में चिंता का कारण बन सकता है, क्योंकि यह देश अब तक अमेरिका का प्रमुख सहयोगी और वॉर ऑन ड्रग्स अभियान का समर्थनकर्ता रहा है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह लैटिन अमेरिका में चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से जुड़ी परियोजनाओं के लिए किसी भी तरह की फंडिंग का विरोध करेगा।
उल्लेखनीय है कि एनडीबी की स्थापना 10 वर्ष पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स देशों) ने मिलकर एक विकल्प के रूप में की थी ताकि विश्व बैंक और इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक जैसे अमेरिका-प्रभुत्व वाले संस्थानों का मुकाबला किया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
