भोपाल, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने सोमवार को जिला किसान संघ के साथ बैठक की। उन्होंने किसानों को समय पर उर्वरक और बीज उपलब्ध कराने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी जानकारी किसानों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि खाद वितरण प्रक्रिया में टोकन व्यवस्था को सुचारू रखा जाए ताकि किसानों को अनावश्यक इंतजार का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, उन्होंने किसान संघ को बताया कि डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके और यूरिया के उपयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जाए।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि एनपीके भी डीएपी के समान गुणवत्तापूर्ण है। बैठक में नक्शा संबंधी समस्याएं, धारा 250 के तहत रास्तों के सीमांकन, कृषि योजनाओं का प्रचार-प्रसार, किसान पाठशाला का आयोजन और अनुदान योजनाओं से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, एडीएम प्रकाश नायक, एसडीएम आदित्य जैन, जिला किसान संघ के अध्यक्ष गिरवर सिंह राजपूत और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
रबी सीजन 2024 के लिए सहकारी समितियों में सुव्यवस्थित उर्वरक वितरण के निर्देश
दरअसल, 01 अक्टूबर 2024 से रबी मौसम प्रारंभ है। रबी मौसम में सहकारी समितियों से सुव्यवस्थित उर्वरक का वितरण सुनिश्चित करने के लिए सभी समिति प्रबंधकों को निर्देशित किया गया है। कहा गया है कि प्रतिदिन प्रातः सोसायटी में उपलब्ध उर्वरक का स्टॉक निश्चित स्थान पर अंकित किया जाना सुनिश्चित करें। समितियों से उर्वरक का वितरण निश्चित संख्या में केवल सदस्यों को किया जाता है। अतः उर्वरक उपलब्धता का सही आवंटन किया जाकर समय-सीमा में आवश्यकता अनुसार समय से मार्कफेड को RO-DD प्रस्तुत किये जाए एवं डबल लॉक केन्द्रों से उर्वरक प्राप्त करने की कार्यवाही करें। उर्वरक वितरण POS मशीनों से ही किया जाए, तकनीकी समस्या होने पर कॉल सेन्टर नंबर-0755-2542829 अथवा स्टेट लेवल डीबीटी कोडिनेटर नंबर-9425144611 पर व्हाटसएप से अवगत करे। नोटिस बोर्ड पर सूचना लगाकर कर टोकन बांटने की कार्यवाही करें ताकि कृषकों की अनावश्यक कतार न लगें। यदि सोसायटी बंद करते समय भीड़ अधिक हो तो अगले दिवस के लिए दिनांक एवं सरल क्रमांक के साथ टोकन वितरण करें एवं अगले दिन पहले दिन टोकन प्राप्त कृषकों को प्राथामिकता दे।
संतुलित उर्वरक उपयोग की सलाह दे। सभी समितियों को फसलवार संतुलित उर्वरक उपयोग के चार्ट उपलब्ध कराये है, उन्हे प्रदर्शित करें एवं आवश्यकता पड़ने पर कृषि विस्तार अधिकारी कृषकों को संतुलित उर्वरक की सलाह दे। साथ ही डी.ए.पी. के स्थान पर एन.पी. के. एवं यूरिया सुपर एवं पोटाश का उपयोग करने के लिए आवश्यक तकनीकी सलाह दे। निर्देशो का पालन सुनिश्चित कर अनुश्रवण करने के लिए अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
(Udaipur Kiran) तोमर