कानपुर, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर पछुआ हवाओं के चलने से उत्तर प्रदेश के मैदानी भागों में साफ देखा जा रहा था। आ रही सर्द हवाओं से न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा था और कई जिलों में शीतलहर की भी स्थिति बन गई थी, लेकिन अब हवाओं की दिशाओं में परिवर्तन हो गया। इससे तापमान में जहां बढ़ोतरी हुई तो वहीं शीतलहर भी कमजोर हो गई।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में फिर एक डिप्रेशन बन गया है। इससे हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम की जगह उत्तर पूर्वी हो गई हैं और यह हवाएं उत्तर प्रदेश के तापमान को बढ़ाने में मददगार साबित हो रही हैं। ऐसे में कानपुर सहित उत्तर प्रदेश में पछुआ हवाओं के चलने से जो बीते दिनों तेज सर्दी पड़ रही थी और कई जिलों में शीतलहर चल रही थी वह कमजोर हो गई। यही नहीं पहाड़ों का मौसम भी अब साफ होता दिखाई दे रहा है। हालांकि सर्दी में बहुत कुछ खास असर नहीं होगा और लोगों को सर्दी परेशान करती रहेगी। उतर भारत के सभी राज्यों में फिलहाल अगले सप्ताह तक बारिश के भी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर मौजूद है और हवाओं की दिशाएं पछुआ होते ही इसका असर उत्तर प्रदेश में दिखने लगेगा।
कानपुर में अधिकतम तापमान 23.8 और न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 84 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 41 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 1.1 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में आगामी पांच दिनों में प्रातःकाल के समय हल्का कोहरा (हल्की धुन्ध) दिखाई देने के आसार हैं किन्तु बारिश की कोई संभावना नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह