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जोधपुर, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । पारम्परिक भारतीय आहार मोटे अनाज के मानव स्वास्थ्य के लिये फायदे और उपयोगिता बताने के उद्देश्य से आज लघु उद्योग भारती महिला इकाई जोधपुर महानगर द्वारा मिलेट्स की उपयोगिता पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन श्री अन्नम् (मिलेट्स) रसोई रातानाडा जोधपुर मे किया गया।
महिला इकाई अध्यक्ष श्रीमती मोना हरवानी ने कहा कि वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित करने के बाद मिलेट्स का उपयोग भी बढा है। मिलेटस् से मानव को विटामिन मिनरल्स प्रोटीन और फाईबर के अच्छे स्त्रोत मिलते है इसीलिये ये पारम्परिक भारतीय आहार का मुख्य हिस्सा बन चुका है।
महिला इकाई सदस्य एवं श्री अन्नम् (मिलेट्स) रसोई की प्रशिक्षक भावना शर्मा ने बताया कि मोटे अनाज से निमित शुद्ध सात्विक, शाकाहारी, ग्लूटेन मुक्त मोटे अनाज मानव शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाते है एवं मानव शरीर को स्वास्थ्य बनाने मे मददगार साबित होगा।
ये मोटे अनाज का सेवन न केवल शरीर के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा होता है क्योंकि इन्हें उगाने में कम पानी और कम रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता होती है। साथ ही, ये अनाज आज एक बेहतर आय का स्रोत बन चुके है। कार्यशाला मे इसको बनाने के प्रयोगात्मक विधियां बताते हुए सभी सदस्यों ने इनके बने खाद्य पदार्थों का आनन्द उठाया।
कार्यक्रम मे उपाध्यक्ष इन्दुबाला अग्रवाल, कोषाध्यक्ष शिल्पा अग्रवाल, सहसचिव नलिनी बंसल, कार्यकारिणी सदस्य मनीषा शर्मा, निधि सिंह, मीनाक्षी हर्ष, सुधा गर्ग, भावना मोटवानी सदस्य चन्द्रकान्ता, रजनी वरवानी, मालती मनसुखखानी, शीतल अग्रवाल, चन्द्रा मित्तल इत्यादि उपस्थित रहे
(Udaipur Kiran) / सतीश
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