RAJASTHAN

बाजरा खरीद पर विपक्ष के हंगामे पर सीएम का पलटवार: सवाल करते हो तो जवाब सुनने की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए

बाजरा खरीद पर विपक्ष के हंगामे पर सीएम का पलटवार

जयपुर, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार काे बाजरा खरीद को लेकर कांग्रेस के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा काे दखल देना पड़ा। मुख्यमंत्री ने समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद की मांग कर रहे विपक्षी सदस्याें पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि पिछले पांच साल में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बाजरे की कितनी खरीद हुई। हमारी सरकार बनने के बाद पहली बार तो फसल अब आएगी। सीएम ने बजट सत्र के दौरान आज विधानसभा में पहली बार बोलते हुए कहा कि सदन में सवाल करते हो तो जवाब सुनने की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए। किसी की तरफ एक उंगली करते हैं तो चार आपकी तरफ उठेंगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रदेश के किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद पर विचार करेगी। राज्य सरकार ने इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है।

प्रश्नकाल के दाैरान विधानसभा में बाजरा खरीद से जुड़े सवाल पर जमकर हंगामा हुआ। निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत के समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद संबंधी प्रश्न पर खाद्य मंत्री सुमित गोदारा के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के विधायक नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में हाे हल्ला करने लगे और जाेर-जाेर से बाजरे की सरकारी खरीद की मांग करने लगे। नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के विधायक वैल में आने लगे और सदन में माैजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से जवाब की मांग करने लगे। भारी शाेर शराबे के बीच सदन में माैजूद मुख्यमंत्री शर्मा ने दखल देते हुए प्रतिपक्ष के नेताआें से सख्त लहजे में कहा कि सवाल करते हो तो जवाब सुनने की भी जिम्मेदारी भी होने चाहिए। मंत्रीजी ने कहा है कि आगामी बाजरे की फसल एमएसपी पर खरीदने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं। लेकिन इस बात पर भी विचार करना चाहिए, पांच साल में कितनी खरीद की गई। किसी की तरफ एक उंगली करते हैं तो चार आपकी तरफ उठेंगी। उसका कारण यह है कि सवाल पूछा था कि बाजरे की कितनी खरीद हुई, बाजरे की फसल तो अब आने वाली है। मंत्री का पूरा जवाब सुनने के बाद आपका पूरक प्रश्न आता है। हमारी सरकार बनने के बाद पहली बाजरे की फसल आएगी। मंत्रीजी का जवाब सुनिए, मंत्रीजी कह रहे हैं कि आगामी बाजरे की फसल एमएसपी पर खरीदने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय अनेक जगहों पर धरने देने पड़े थे। क्योंकि हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, यूपी में किसानों को बाजरे का समर्थन मूल्य 2300 रुपये मिल रहा था। वहीं राजस्थान के किसानों को मजूबरी में 1400 रुपये क्विंटल में बाजरा बेचना पड़ा था। आप आज यह बात कहते हैं, तो आरोप लगाने से पहले यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि किसानों के साथ अन्याय किसने किया। मंत्रीजी का जवाब साफ था, हमारी सरकार जो कहेगी वह करके दिखाएगी। हमारी सरकार विचार करेगी और बाजरे के लिए लाभ भी देगी।

इससे पूर्व खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने सदन काे जानकारी दी कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 59,18,718 टन एवं 2023-24 में 43,82,760 मैट्रिक टन बाजरे का उत्‍पादन हुआ। खरीफ‍ विपणन सीजन वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान प्रदेश में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर बाजरा खरीद का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया। बाजरे का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं होने से खरीद नहीं हुई। उन्हाेंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2024 में आने वाली खरीफ फसल के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया। इस पर कांग्रेस के विधायक हंगामा करते हुए बाजरे की समर्थन मूल्‍य पर खरीद की मांग करने लगे।

मंत्री गोदारा ने कहा कि जब कांग्रेस का राज था और हमने पूछा था कि सरकार ने बाजरा खरीद पर क्या कार्रवाई की तो जवाब आया कि कोई कार्रवाई नहीं की। हमारे मुख्यमंत्री जी किसानों के लिए काम कर रहे हैं। हमारी सरकार किसानों के लिए हमेशा तत्पर रही है, पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने हों, चाहे किसानों को बिजली देनी हो या बिजली बिल पर राहत देनी हो। सरकार किसानों के हित के लिए तत्पर है। आप जवाब से भागना चाहते हो। 15 साल आपके मुख्यमंत्री रहे, कांग्रेस ने क्या कभी बाजरा खरीदा? पांच साल में अपने बाजरा खरीदा क्या? किसानों पर हमारा ज्यादा फोकस है। हमारी सरकार श्रीअन्न काे बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

नाराज स्पीकर बाेले, इन्हें बाहर निकालने का प्रस्ताव लाइए

कांग्रेस विधायकाें के हंगामे आैर वैल में आने के प्रयास से नाराज विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सख्ती दिखाते संसदीय कार्यमंत्री काे निर्देश दिए कि यहां जो यह हंगामा कर रहे हैं इनको सदन से बाहर निकलने का प्रस्ताव लाइए। एक-दो को बाहर निकालूंगा तब अक्ल आएगी।

(Udaipur Kiran) / संदीप

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