
देहरादून, 29 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण-संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को सचिवालय परिसर में ‘संस्कृत संभाषण शिविर’ का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपनी संस्कृति व संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य को लेकर हमने 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित किये जा रहे हैं, जिसके शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से वेद, दर्शन, उपनिषद् आदि प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा से जनसामान्य को जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
इस अवसर पर सचिव, संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने बताया कि सचिवालय परिसर में प्रथम बार 29 मई से 12 जून तक संस्कृत संभाषण कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसमें सचिवालय के अधिकारियों व कार्मिकों को संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराया जाएगा। इसके लिए सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से भी निर्देश जारी किये गये हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन, मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पाण्डेय, उप सचिव प्रदीप मोहन नौटियाल, अनु सचिव गीता शरद, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव वाजश्रवा आर्य, चण्डीप्रसाद घिल्डियाल, अनसूयाप्रसाद सुन्दरियाल, हरीश गुरुरानी, ओमप्रकाश भट्ट आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
