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नैनीताल, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में दो महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज हुईं। पहले, डीएसबी परिसर नैनीताल के इतिहास विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मी के पद पर कार्यरत डॉ. शिवराज सिंह कपकोटी को ‘पद्मश्री डॉ. यशोधर मठपाल का सांस्कृतिक अवदान: एक ऐतिहासिक मूल्यांकन’ विषय पर पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। उन्होंने अपनी शोध यात्रा में प्रो. सावित्री कैड़ा जंतवाल के निर्देशन में यह कार्य किया। डॉ. शिवराज का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति में लगन और मेहनत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में पीएचडी करने वाले देश के दूसरे या तीसरे व्यक्ति हैं। उन्होंने आगे लोक सेवा आयोग के माध्यम से असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर बनने का इरादा जताया है।
दूसरी ओर, कुमाऊं विश्वविद्यालय की जंतु विज्ञान की शोध छात्रा दीक्षा आर्य को भी पीएचडी उपाधि मिली है। उनका शोध ‘परागणकर्ताओं जैसे मधुमक्खियां और तितलियाँ के संरक्षण पर केंद्रित था’। दीक्षा के शोध कार्य ने पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और कृषि में फसलों की उपज बढ़ाने में परागणकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। उनका यह शोध कार्य कृषि और पर्यावरण संरक्षण में नई दिशा प्रदान करेगा और कीट परागणकर्ताओं के महत्व को समझाने में सहायक होगा।
दोनों की यह उपलब्धियां कुमाऊं विश्वविद्यालय और उत्तराखंड राज्य के लिए गर्व का विषय हैं और शोध के क्षेत्र में उनकी प्रतिबद्धता और योगदान को दर्शाती हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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