कोलकाता, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना केंद्र सरकार के कम अनुदान के कारण बाधित हो रही है। राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र से पूरी राशि नहीं मिलने के कारण 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य अधर में लटक सकता है। इसी वजह से राज्य सरकार ने अपनी ओर से अतिरिक्त धनराशि आवंटित कर परियोजना के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
जल जीवन मिशन की शुरुआत 2019 में हुई थी, जबकि पश्चिम बंगाल में इसे 2020 के मध्य से लागू किया गया। 2021 से राज्य में इस परियोजना की गति बढ़ी। योजना के तहत कुल लागत का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार को देना था, जबकि 40 फीसदी राज्य सरकार के हिस्से में आता है।
जन स्वास्थ्य तकनीकी विभाग के अधीन इस परियोजना के लिए 2024-25 के बजट में केंद्र सरकार को 5,049.98 करोड़ रुपये देने थे, लेकिन अब तक केवल 2,524.99 करोड़ रुपये ही मिले हैं। यानी केंद्र ने कुल बजट का सिर्फ आधा हिस्सा दिया है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने अपने हिस्से के लिए 4,990.52 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया था, जिसमें से अब तक 3,757.45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र से पूरी राशि न मिलने के कारण परियोजना के कार्यों में रुकावट आ रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र की हिस्सेदारी से अलग हटकर अतिरिक्त 1,291.38 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का दावा किया है, ताकि कार्य सुचारू रूप से जारी रहे।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार तक नल के जरिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। हालांकि, केंद्र से कम अनुदान मिलने के कारण यह योजना बाधित हो रही है। राज्य सरकार ने केंद्र से पूरी राशि जारी करने की मांग की है, ताकि परियोजना तय समय में पूरी हो सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
