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लंबित मुकदमों के अनुपात में जज कम, मुकदमों की सुनवाई हो रही प्रभावित-सीजे श्रीवास्तव

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव

जयपुर, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने एक बार फिर हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या और न्यायाधीशों की कमी को लेकर चिंता प्रकट की है। सीजे श्रीवास्तव राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से नव नियुक्त न्यायाधीशों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में उपस्थित वकीलों को संबोधित कर रहे थे।

सीजे ने कहा कि हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या किसी से छिपी नहीं है। जबकि इन लंबित मुकदमों के अनुपात में जजों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इससे हर न्यायाधीश पर मुकदमों का भार है। जिसके चलते मुकदमों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही है। वहीं जिन मामलों में जल्दी सुनवाई की जानी है, वह भी नहीं हो पा रही है। हालांकि हाल ही में जल्दी-जल्दी न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है। न्यायाधीशों की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी से न केवल संस्था को लाभ मिलेगा, बल्कि पक्षकारों को भी राहत मिलेगी। आखिरकार हम सब सिस्टम का हिस्सा है, असली राहत को पक्षकार को ही मिलती है। कार्यक्रम में नव नियुक्त जज प्रमिल कुमार माथुर, जस्टिस मनीष शर्मा, जस्टिस आनंद शर्मा और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित को माला और साफा पहनाकर सम्मान किया गया।

गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 50 है। वर्तमान में 38 न्यायाधीश पदासीन है। हालांकि आज तक कभी भी स्वीकृत सभी पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई है। वहीं यदि हाईकोर्ट में 6.74 लाख से अधिक मुकदमे लंबित चल रहे हैं। ऐसे में प्रति न्यायाधीश पर 17,755 मुकदमों का भार है।

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(Udaipur Kiran)

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