झज्जर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) चौधरी हरद्वारी लाल राजकीय महाविद्यालय छारा में राजनीति विज्ञान विभाग, लोक प्रशासन विभाग और प्लेसमेंट सेल ने मिलकर सिविल सर्विस डे मनाया। इस अवसर पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन हुआ। ‘डिजिटल युग में भारतीय सिविल सेवा की उभरती भूमिका : एक चुनौती और अवसर’ विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता हुई। इस आयोजन में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रियांशु ने, दूसरा स्थान निशा, और तीसरा स्थान गुंजन ने पाया। इन सभी विजेताओं को प्रमाण पत्र और उपयोगी पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया।डॉ. अश्वनी कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल ने विद्यार्थियों को बताया की आज के डिजिटल और तेजी से बदलते युग में सिविल सेवकों से अपेक्षा है कि वे जनता की जरूरतों के प्रति त्वरित, पारदर्शी और संवेदनशील रहें। यह दिन उन्हें जनसेवा के प्रति समर्पण को दोहराने और नीतियों को जन-केंद्रित बनाने के लिए प्रेरित करता है।डिजिटल गवर्नेंस, ई-गवर्नमेंट पहल, और तकनीकी प्रगति के दौर में सिविल सेवकों की भूमिका बदल रही है। सिविल सर्विस डे प्रशासन में नवाचार, जैसे स्मार्ट गवर्नेंस और डेटा-आधारित निर्णय लेने, को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।यह आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष मोहित, प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉ. अश्वनी कुमार और डॉ. ललिता, असिस्टेंट प्रोफेसर लोक प्रशासन द्वारा करवाया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर मोहित ने बताया कि सिविल सर्विस डे की शुरुआत भारत में 21 अप्रैल को हुई, क्योंकि इसी दिन 1947 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने प्रोबेशनल सिविल सर्वेंट्स को संबोधित करते हुए सिविल सेवाओं को भारत का स्टील फ्रेम कहा था। इस दिन को 2006 से आधिकारिक तौर पर सिविल सर्विस डे के रूप में मनाया जाने लगा। इस अवसर पर डॉ. संजय देसवाल, देवेंद्र, मोनिका, डॉ. मनोज कुमार, मंजू मलिक, ज्योति, डॉ. जयंत, विजय, परवीन दलाल आदि स्टाफ सदस्य मौजूद रहे ।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
