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धौलपुर: ऑपरेशन शील्ड के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन

ऑपरेशन शील्ड के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन
ऑपरेशन शील्ड के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन

हवाई हमले की स्थिति में प्रशासन की तत्परता और समन्वय का किया गया प्रभावशाली प्रदर्शन

धौलपुर, 31 मई (Udaipur Kiran) । ऑपरेशन शील्ड के तहत हवाई हमला होने की स्थिति में विभिन्न एजेंसियों के मध्य राहत एवं बचाव कार्यो के समन्वय के प्रदर्शन के लिए शनिवार को द्वितीय आपातकालीन अभ्यास किया गया। भारतीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन पुराने अस्पताल के परिसर में किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल आपातकालीन स्थितियों में प्रशासनिक प्रतिक्रिया और समन्वय की क्षमता का मूल्यांकन करना था। मॉक ड्रिल की शुरुआत एक ‘एयर स्ट्राइक अलर्ट’ से हुई, जिसमें हवाई हमले की स्थिति को दर्शाते हुए घायलों के राहत-बचाव और उन्हें अस्पताल पहुँचाने की प्रक्रिया का जीवंत प्रदर्शन किया गया। नागरिक सुरक्षा दल, एनसीसी कैडेट्स, पुलिस, चिकित्सा विभाग, अग्निशमन और अन्य बचाव टीमें पूरी मुस्तैदी से अपने-अपने कार्यों में जुटीं।

जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा स्वयं मौके पर मौजूद रहे और मॉक ड्रिल की पल-पल की गतिविधियों की निगरानी करते रहे। उनके साथ उपखण्ड अधिकारी साधना शर्मा, स्वास्थ्य, शिक्षा, अग्निशमन के अधिकारी कर्मचारी भी सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे। मॉक ड्रिल में विशेष रूप से नागरिक सुरक्षा दलों, अग्नि सुरक्षाकर्मी, एनसीसी की भागीदारी का जीवंत प्रदर्शन किया गया। प्रशिक्षित नागरिक सुरक्षाकर्मियों ने घायल लोगों की प्राथमिक सहायता, स्ट्रेचर पर ले जाने की विधि, भीड़ प्रबंधन और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हवाई हमले के दौरान विस्फोट में हुए 20 घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दिए जाने हेतु एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। सामान्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद रोडवेज बस की मदद से रेस्क्यू प्रदर्शन किया गया। घटना स्थल पर अग्निशमन, राहत, बचाव दलों चिकित्सा स्टाफ की तत्परता, एंबुलेंस की तैनाती जैसे उपायों की तैयारियां, कंट्रोल रूम की कार्यशीलता और विभागों के बीच समन्वय, इन सभी पहलुओं में प्रशासन की तैयारी का प्रदर्शन किया गया। मॉक ड्रिल के समापन पर जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने मीडिया को बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य केवल विभागीय क्षमता परीक्षण नहीं, बल्कि नागरिकों को मानसिक और व्यवहारिक रूप से आपदा के प्रति तैयार करना है। हमारा प्रयास है कि आपात स्थिति आने से पहले ही हम उससे निपटने में सक्षम हों।

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(Udaipur Kiran) / प्रदीप

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