धमतरी, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) ।सीटू और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 26 नवंबर को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार सूरज बंछोर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपा।
सीटू के राज्य सचिव समीर कुरैशी ने बताया कि 12 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। 26 नवंबर को जन लामबंदी के माध्यम से विरोध दिवस के रूप में मानने के लिए चुना है। इसी दिन 2020 में ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। मजदूर किसान की एकता के संघर्षों की अभियान की शुरूआत तीन दिसंबर से की जाएगी। यह अभियान 25 जनवरी 2025 तक अभियान चलाया जाएगा। जिसमें जन संघर्षों को लेकर 10 हजार पर्चा वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर मनीराम देवांगन, सरला शर्मा, अनुसुइया कंडरा, बालाराम मरकाम, महेश निर्मलकर, अहिल्या बाई और ललिता साहू उपस्थित थे।
बारह सूत्रीय मांग : सीटू ने मजूदरों, किसानों तथा देश के हित में 12 सूत्रीय मांग रखी है। जिसमें सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटी खरीद के साथ एमएसपी दिए जाने की मांग की गई है । चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, श्रम की आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी को समाप्त करने, सभी के लिए रोजगार सुनिश्चित करने की मांग भी इनमें शामिल है । संगठित असंगठित, स्कीम वर्कर और अनुबंध मजदूरों एवं कृषि क्षेत्र सहित सभी मजदूरों के लिए 26000 रूपये प्रति माह का राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन और 10000 रूपये प्रति माह पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभ लागू किये जाने की मांग की गई है । ऋणग्रस्तता और किसान आत्महत्या को समाप्त करने के लिए व्यापक कर्ज मुक्ति की मांग की गई है । रक्षा, रेलवे, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण बंद किये जाने की मांग की गई है। मनरेगा के तहत 200 दिन काम और 600 रूपये प्रति दिन मजदूरी योजना को कृषि एवं पशुपालन के लिए वाटरशेड योजना से जोड़े जाने को कहा है । महिला सशक्तिकरण और फास्ट ट्रैक न्यायिक प्रणाली के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त किये जाने सहित अन्य मांगे हैं।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा