Chhattisgarh

सिटिजन साइंस ” विज्ञान नागरिक आधारित मगरमच्छ गणना व संरक्षण के लिए एक मंच पर दिखे स्थानीय जन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ

सिटिजन साइंस ” विज्ञान नागरिक आधारित मगरमच्छ गणना , मगरमच्छ संरक्षण के लिए एक मंच में दिखे स्थानीय जन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ
सिटिजन साइंस ” विज्ञान नागरिक आधारित मगरमच्छ गणना , मगरमच्छ संरक्षण के लिए एक मंच में दिखे स्थानीय जन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ
सिटिजन साइंस ” विज्ञान नागरिक आधारित मगरमच्छ गणना , मगरमच्छ संरक्षण के लिए एक मंच में दिखे स्थानीय जन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ
सिटिजन साइंस ” विज्ञान नागरिक आधारित मगरमच्छ गणना , मगरमच्छ संरक्षण के लिए एक मंच में दिखे स्थानीय जन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ

कोरबा/जांजगीर-चांपा, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के हृदय में स्थित कोटमी सोनार मगरमच्छ पार्क में मगरमच्छों के संरक्षण के लिए समर्पित रिजर्व में से एक है।

जांजगीर चांपा वन विभाग ने आज साेमवार काे विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी और अगोरा इकोटूरिज्म के साथ मिलकर ‘मगर मोजेक’ कार्यक्रम रविवार काे आयोजित किया, जिसका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण के प्रति आम लोगों में जागरुकता विकसित करना था। यह कार्यक्रम इन विशालकाय सरीसृपों के संरक्षण को समझने और समुदाय संचालित दृष्टिकोण अपनाने के लिए अनुसंधान विद्वानों, वैज्ञानिकों, समुदाय संरक्षणवादियों और प्रशासन को एक साझा मंच पर लाता है।

इस दिन भर चलने वाले कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने समूह बनाकर विशेषज्ञों के साथ मगरमच्छों के व्यवहार और पारिस्थितिकी को समझा। छात्रों ने मगरमच्छों को किनारों पर धूप सेंकते, तैरते और एक-दूसरे का पीछा करते हुए पाया। विशेषज्ञों ने उन्हें ऐसे प्रत्येक व्यवहार के बारे में समझाया। छात्रों ने मगरमच्छों की निगरानी में ड्रोन के उपयोग को भी पाया।

फिर देर शाम को छात्रों ने पुरातत्त्व विभाग से सेवानिवृत्त राहुल सिंह को सुना। छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने कोटमी सोनार और मगरमच्छ पार्क की अद्भुत कहानी सुनी। जांजगीर चांपा की डीएफओ प्रियंका पांडे ने छात्रों को मानव वन्यजीव संघर्ष के बारे में बताया और बताया कि कैसे कोटमी सोनार पार्क मगरमच्छ संघर्ष को संबोधित करने और छत्तीसगढ़ में बचाव केंद्र के रूप में कार्य करने में सफल रहा।

यह कार्यक्रम निश्चित रूप से मगरमच्छ संरक्षण में अपनी एक अलग पहचान दिलाने में कामयाब होगी, इस कार्यक्रम में इस बात को जोर दिया गया कि परंपरागत विचारधारा को अपना कर इको एवं परंपरागत तरीके से दोना पत्तल में भोजन कराया गया।

इस कार्यक्रम में सौरभ सिंह पूर्व विधायक मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुए, साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष सत्यलता मिरी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किए।

इस कार्यक्रम में केशव चंद्रा पूर्व विधायक, सनत देवेंगन, रामाकांत साहू, डीएफओ प्रियंका पाण्डेय, ओमप्रकाश श्रीवाश (मंडल अध्यक्ष), उर्मिला बंजारे, रमा मिरी, दिनेश सिंह ठाकुर (पूर्व विधान सभा प्रतिनिधि), कृष्ण कुमार सखा (पूर्व जिला पंचायत सदस्य), मनोज मिश्रा (पूर्व मंडल अध्यक्ष), एसडीओ एच सी शर्मा, एसडीओ विपुल अग्रवाल, अगोरा ट्यूरिज्म (सीईओ) भागेश दुबे,अगोरा ट्यूरिज्म(डायरेक्टर) आलोक साहू, जितेंद्र सारथी (सीनियर फील्ड रिसर्चर एंड रेस्क्यूर), मयंक बागची, भूपेंद्र जगत,किशन चंद्रा, बबलू मरवा,साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थी सम्मिलित हुए।

(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी

(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी

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