
जयपुर, 30 मई (Udaipur Kiran) । जियो पोलिटिकल और डिप्लोमेसी डायलॉग प्लेटफॉर्म
“विश्वम” द्वारा आयोजित ऑपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में रक्षा विशेषज्ञों का राउंड टेबल संवाद कार्यक्रम जयपुर में आयोजित हुआ। संवाद में आतंकवाद, राष्ट्रीय रणनीति और नागरिक जिम्मेदारी पर व्यापक मंथन हुआ। कार्यक्रम में सेना के पूर्व अधिकारियों, राजनयिकों, शिक्षाविद, सामाजिक नेता, विषय विशेषज्ञ और युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विश्वम के संस्थापक विक्रांत सिंह ने संस्था के उद्देश्य स्पष्ट किए। उन्होंने युवाओं में राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रीय चेतना जागृत करने के लिए संवाद को प्रथम कदम बताया।
की नोट स्पीच में सेवा-निवृत्त पूर्व राजनयिक और लेखक गौरी शंकर गुप्ता ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी नेटवर्क के उभरने का इतिहास बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान से सोवियत सेना के हटने के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया। उन्होंने 26/11 मुंबई, 9/11 न्यूयॉर्क, मैड्रिड ट्रेन बम धमाके व लंदन अंडरग्राउंड हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि “भारत अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा।” उन्होंने तुर्की, चीन व मलेशिया जैसे देश के बहिष्कार का आह्वान किया और रक्षा अनुसंधान एवं विकास की महत्ता पर जोर दिया।
कर्नल राजेश भूकर ने दीर्घकालिक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति रेखांकित करते हुए पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने का सुझाव दिया। वहीं कर्नल अनिल माथुर ने बाजीराव का उद्धरण देते हुए कहा कि “प्रहार करो, फिर प्रहार करो, लगातार प्रहार करो जब तक आतंक तहस नहस न हो जाए। उन्होंने आतंकवाद की जड़ों पर लगातार हमला करने की मांग की।
कैप्टन जॉयदीप भट्टाचार्य ने चीन की तीन दशकों में हुई सैन्य प्रगति का उदाहरण देकर युवाओं के लिए रेड टीम प्रशिक्षण, सकारात्मक कार्यक्रम और राष्ट्रवादी शिक्षा पर बल दिया। उन्होंने कंबोडिया और वियतनाम की सामाजिक मजबूती का हवाला दिया।
कर्नल दिनेश बंसल ने पहलगाम आतंकी हमले को धार्मिक चरमपंथ का त्रासद उदाहरण बताया और समाज में शिक्षा एवं जागरूकता से कट्टरता से बचाव पर ज़ोर दिया।
नागरिक समाज की ओर से डॉ. संजय शर्मा (डीन, जेईसीआरसी) ने आतंक के मानसिक एवं भावनात्मक प्रभाव को उजागर किया और पीड़ितों की मनोवैज्ञानिक चिकित्सा पर बल दिया। कार्यक्रम को कर्नल देवानंद ने मॉडरेट करते हुए देश के लोगों को सेना और सैनिकों के समर्थन में अपना सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो सैनिक सीमा पर तैनात रहता है वह अपनी जान की जोखिम परिवार की क़ीमत पर सीमाओं की सुरक्षा करता है। सैनिक को मनोवैज्ञानिक तौर पर समर्थन करना सभी का कर्तव्य है।
साइबर एवं मनोवैज्ञानिक युद्ध की चुनौतियों पर स्क्वाड्रन लीडर विभूति मंगल ने महिलाओं की भूमिका एवं तकनीकी प्रतिस्पर्धा में चीन से मुकाबला करने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में विश्वम संस्था के सलाहकार वरिष्ठ संपादक मुरारी गुप्ता ने युद्ध काल में मीडिया की भूमिका पर चर्चा की वहीं टेक विशेषज्ञ निशांत शर्मा ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उल्लेख किया।
स्थानीय स्कूल और कॉलेज से आए छात्रों ने जनहित, राष्ट्रीय पहचान एवं भविष्य की चुनौतियों पर अपने विचार रखे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि देश का युवा सक्रिय और जागरूक है।
अंत में वक्ताओं ने एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध रणनीति को निरन्तर बनाए रखने और प्रत्येक नागरिक को देश की सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
