
नाहन, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला और सिरमौर की सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में स्थित शिरगुल महादेव मंदिर के कपाट 13 अप्रैल को बैसाखी संक्रांति के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। करीब पांच महीने बाद कपाट खुलने को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
परंपरा के अनुसार हर वर्ष बैसाखी संक्रांति पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी औपचारिक रूप से यात्रा पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया है और आधिकारिक यात्रा 1 मई से आरंभ होगी।
चूड़धार में इस समय दिन का तापमान सामान्य बना हुआ है जबकि रात को ठंडक अधिक रहती है। मंदिर परिसर से बर्फ हट चुकी है जिससे श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं, परंतु रास्तों में कई स्थानों पर अभी भी तीन से चार फीट तक बर्फ जमी हुई है जिससे फिसलन और दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
एसडीएम चौपाल हेमचंद्र शर्मा ने जानकारी दी कि, यात्रा बहाली को लेकर अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। परंपरा के अनुसार श्रद्धालु बैसाखी पर मंदिर पहुंचते हैं लेकिन प्रशासन की ओर से यात्रा आधिकारिक रूप से एक मई से बहाल की जाएगी।
स्वामी कमलानंद जी महाराज, जो चूड़धार मंदिर परिसर में पिछले लगभग 25 वर्षों से साधना कर रहे हैं और वहीं आश्रम का संचालन भी करते हैं, ने बताया कि 13 अप्रैल को मंदिर के कपाट विधिवत पूजा के साथ खोले जाएंगे। उन्होंने कहा, मंदिर परिसर की बर्फ पूरी तरह साफ हो चुकी है, लेकिन रास्तों में कई जगह बर्फ और फिसलन है। श्रद्धालुओं को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
