


कानपुर, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कानपुर में प्रभु येशु मसीह के पुनर्जीवित होने पर गिरिजाघरों में रविवार को मसीही समाज द्वारा ईस्टर पर्व (ईस्टर संडे) मनाया गया। इस दौरान प्रभु येशु मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में सभी चर्चों में लोगों को विश्व शांति और मिलजुल कर रहने का संदेश दिया गया। इसके साथ ही लोगों ने हाथों में मोमबत्ती लिए गिरजाघरों में खड़े होकर प्रार्थना की।
सिविल लाइंस स्थित मैथोडिस्ट चर्च के पादरी जेजे ओलिवर ने बताया कि पुनरुत्थान दिवस या ईस्टर ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। बाइबिल के अनुसार इस दिन येशु मसीह को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन येशु पुनर्जीवित हो गए थे। इस पुनरुत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर संडे के रुप में मनाते हैं। यह दिन गुड फ्राईडे के दो दिन बाद और पुण्य गुरुवार या मौण्डी थर्सडे के तीन दिन बाद आता है, जिसका इंतजार सभी मसीह समाज को बेसब्री से रहता है। इसी क्रम में आज चर्च में सुबह धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम आयोजित हुआ और चर्च में जुटे मसीहियों को संबोधित किया गया। पादरी ने सभी को पर्व की बधाई देते हुए प्रभु येशु के पद चिन्हों पर चलने के लिए अनुरोध किया।
वहीं कल्याणपुर स्थित गुड शेफर्ड चर्च में भी खुशी के साथ लोगों ने ईस्टर पर्व मनाया। बिशप पंकज मलिक ने बताया कि चर्च में सुबह प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग जुटे। सबसे पहले प्रार्थना की गई फिर उपस्थित मसीह जन ने प्रभु येशु मसीह की महिमा की और गीत गाया। मेरे जीने का मकसद तू है,मेरे जीने का कारण तू है। यहोवा जिन्दा खुदा जिसके द्वारा मसीह जन भक्तिमय हो गए। परमेश्वर के वचन बाईबिल से आशीष देते हुए बिशप पंकज राज मलिक ने कहा कि प्रभु येशु मसीह को कब्र में रखा गया था जब तीसरे दिन मरियम और उसके साथ कुछ लोग कब्र में गए तो वहां पर उपस्थित स्वर्गदूत ने कहा कि तुम क्यों जिन्दे को कब्र में ढूंढती हो वो तो जी उठे हैं और बाइबल बताती है कि वो फिर अपने चेलों को दिखाई दिया और सिर्फ येशु मसीह ही ऐसा प्रभु है जिसने मृत्यु पर विजय पाई। इस दौरान अनुपमा मलिक, पादरी सत्येन्द्र श्रीवास्तव, पादरी अनुराज मलिक, शीना मलिक, पादरी सागर, पादरी अभिमन्यु जेम्स, पादरी राज, पादरी शिवा, पादरी सौरभ, निखिल, रोहन, अंशु, ईशु, एनोश आदि लोग उपस्थित रहें।
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(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
