RAJASTHAN

राहुल गांधी का पासपोर्ट निरस्त करने की मांग, चित्तौड़गढ़ सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी।

चित्तौड़गढ़, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) । चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के पासपोर्ट को निरस्त करने की मांग की है। अपनी मांग को लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इसमें सासंद जोशी ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में दिए बयानों का हवाला देते हुवे पासपोर्ट निरस्त करने की मांग की है।

लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सांसद सीपी जोशी ने बताया कि राहुल गांधी जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उनकी गतिविधियों को देख कर ये स्पष्ट हो जाता है वे देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं। राहुल गांधी के बयानों को देश और दुनिया के इतिहास और वर्तमान के परिपेक्ष में देखा जाना चाहिए क्योंकि वे एक जिम्मेदार पद पर हैं और ऐसी पार्टी और परिवार से आते हैं, जिसने दशकों तक देश की सत्ता की बागडोर संभाली है। पत्र में बताया कि विदेश की धरती पर राहुल गांधी के दिए बयान किसी भी तरह से एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के तौर पर सही नहीं हैं। उनके बयान राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं, जो उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है। उनके बयानों से देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। इससे वे नेता विपक्ष के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

पत्र में सांसद जोशी ने बताया कि भारत के संदर्भ में विदेशी जमीन पर बयानबाजी के पहले नेता विपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे कुछ बुनियादी तथ्यों को अपने ध्यान में रखें, लेकिन उन्होंने स्वार्थवश अथवा विदेशी ताकतों के प्रभाव में देशहित को ताक पर रख दिया। ऐसा उनकी पिछली अमेरिका यात्रा में देखने को मिला, जिनसे साबित होता है कि राहुल की मंशा देश में स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का है। सिख समुदाय को लेकर दिए बयान से जाहिर है वे विदेश में खालिस्तानी अलगाववादियों के एजेंडे को मजबूत करना चाहते हैं। बतौर नेता विपक्ष राहुल अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। जोशी के बताया कि विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों को अपना निशाना बनाती है और आर्थिक नुकसान भी पहुंचा चुकी है। राहुल उन कंपनियों या संस्थाओं से जुड़े लोगों के साथ बैठक करते हैं। यह देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। राहुल गांधी भारतीय समाज को बांटने की कोशिश कर उसकी एक विकृत तस्वीर पेश करते हैं। जोशी ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदूओं पर हुए हमलों को लेकर सवाल पूछा तो पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। पिछले दिनों भारत सरकार इस मसले को बांग्लादेश के साथ उठा चुकी है। इससे स्पष्ट होता है कि राहुल एक तयशुदा एजेंडे पर चल रहे हैं, जो भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय नीतियों के विपरीत है। ऐसे में इस तरह के आधारहीन और देश की छवि को धूमिल करने वाले बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं देखा जा सकता। इससे यह जरुरी हो जाता है कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही अगर वे इन बातों के बावजूद नेता विपक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना चाहिए इससे वे भविष्य में विदेश की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी मुहिम अथवा एजेंडे चलाने के लिए नहीं कर सके, जो देश के भीतर के शांति सद्भाव और विदेश नीति के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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