Uttar Pradesh

अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चों ने इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर का किया भ्रमण

इसरो सेन्टर पर अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चे

लखनऊ, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अटल आवासीय विद्यालयों के मेधावी छात्र एवं छात्राएं इन दिनों इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए अहमदाबाद गए हुए हैं। इन छात्र-छात्राओं को इसरो के वैज्ञानिकों के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान तथा इसरो से संबंधित ज्ञानवर्धक कार्यशालाओं में सम्मिलित होने का अवसर मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश में संचालित 18 अटल आवासीय विद्यालयों में बीते दिनों ‘उत्कृष्ट अटल’ प्रोग्राम के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान, मशीन क्रिएशन और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी एडवांस एक्टिविटीज का आयोजन किया गया था। 15 दिनों तक चले विशेष कार्यक्रम में छात्रों ने विषय विशेषज्ञों से अंतरिक्ष के रहस्यों के साथ ही भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में भी जाना, जबकि कई छात्र-छात्राओं द्वारा ऑटोमैटिक लाइट, स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक, स्मार्ट डस्टबिन और फुल रोवर ड्रोन के उत्कृष्ट मॉडल बनाकर अपनी रचनात्मकता भी प्रदर्शित की गई।

इस कार्यक्रम के तहत इन विद्यालयों में स्पेस आर्ट और बेस्ट प्रोडक्ट डेवलपमेंट कांप्टीशन में विजेता रहे प्रत्येक विद्यालय से एक छात्र/छात्रा को “विज्ञान रत्न” की उपाधि दी गई तथा सभी विजेता छात्र-छात्राओं को इसरो (एसएसी), अहमदाबाद का भ्रमण कराया गया। यहां इसरो के वैज्ञानिकों के माध्यम से उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान तथा इसरो से संबंधित ज्ञानवर्धक कार्यशालाओं में जाने का अवसर प्राप्त हुआ।

अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित सवालों के जवाब देकर साबित की प्रतिभा

इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान इसरो (एसएसी) के डायरेक्टर निलेश देसाई ने इन छात्र-छात्राओं को अंतरिक्ष के रहस्यों की जानकारी के साथ ही भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में भी बताया। इस दौरान दौरान निदेशक इसरो (एसएसी) एवं अन्य वेज्ञानिकों द्वारा छात्र-छात्राओं से कई प्रश्न भी पूछे गए। जैसे, चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 में मुख्य भिन्नता है? इस सवाल का सही जवाब अटल आवासीय विद्यालय वाराणसी की छात्रा श्वेता सत्ते ने दिया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2 में ऑरबिटर था, परंतु चंद्रयान 3 में नहीं था। इसी तरह सवाल पूछा गया कि 20 जुलाई 1969 का क्या महत्व है? इस पर अटल आवासीय विद्यालय, मुरादाबाद के छात्र सचिन कुमार ने सही जवाब देते हुए बताया कि इसी दिन अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर चलने वाले पहले व्यक्ति बने।

खगोलशास्त्र के इतिहास और आधुनिक अंतरिक्ष मिशनों पर भी की चर्चा

निदेशक इसरो (एसएसी) द्वारा छात्रों को अंतरिक्ष अन्वेषण के मूलभूत सिद्धांतों का परिचय दिया गया। खगोलशास्त्र के इतिहास और आधुनिक अंतरिक्ष मिशनों पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला ने छात्र-छात्राओं के बीच रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया। भ्रमण के दौरान अटल आवासीय विद्यालय की महानिदेशक गजल भारद्वाज, अटल आवासीय विद्यालय समिति के अपर सचिव अमित कुमार मिश्रा, विद्यालय के शिक्षक आदि लोग उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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