
धमतरी, 6 मार्च (Udaipur Kiran) । मगरलोड ब्लाक में इस वर्ष प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से सरल कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम कक्षा तीन से पांच तक के क़मार जनजाति समुदाय के बच्चों लिए चलाया जा रहा है, जिनका उद्देश्य उन्हें भाषा और गणित में बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है।
इस कार्यक्रम में टीएआरएल अर्थात टीचिंग एक राईट लेवेल पद्धति का उपयोग किया जा रहा है, जिसके तहत बच्चों को उनकी सीखने की क्षमता के अनुसार समूहों में बांटकर शिक्षण कार्य किया जाता है। इस वर्ष, सभी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन करने के लिए असर टूल का उपयोग कर बेसलाइन टेस्ट लिया गया, जिसमें बच्चों के भाषा और गणित के कौशल का आकलन किया गया। परिणामों को वेब के जरिए डिजिटली रिकार्ड किया गया और बच्चों के स्तर के अनुसार शिक्षण कार्य किया जा रहा है।
प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के प्रतिनिधि नागेश्वर , अर्चना जोशी और मगरलोड विकास खंड अधिकारी और बीआरसीसी एवं केक के माध्यम से स्कूलों की मानिटरिंग की जाती है। इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक स्कूलों में नियमित कक्षा संचालन किया जा रहा है और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे बच्चों को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें। जिला प्रशासन ने संकुल समन्वयकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे हर दिन एक घंटा भाषा और एक घंटा गणित बच्चों को टीएआरएल पद्धति से खेल-खेल में पढ़ाएं। साथ ही कमार समुदाय को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आत्मनिर्भर और रोजगार से जोड़ने का काम भी किया जा रहा है। प्रथम एजुकेशन न केवल स्कूल तक सीमित है बल्कि समुदाय में भी माताओं को उनके बच्चों को घर में घरेलू संसाधन से पढ़ाने के लिए तैयार कर रहे है। इसके साथ ही जो महिलाएं या लड़किया पढ़ाई छोड़ चुकी हैं उनके लिए भी एससीपी ( सेकंड चांस प्रोग्राम) के अंतर्गत अलग अलग जगह क्लस्टर बना कर 10वीं की पढ़ाई करवा रहे हैं। कार्यक्रम से बच्चों के भाषा और गणित के कौशल में सकारात्मक सुधार देखा जा रहा है, और यह जिला प्रशासन तथा प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन का यह संयुक्त प्रयास कमार जनजाति समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा के स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
