भरतपुर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । भरतपुर में एक गर्भवती महिला को रात में प्रसव पीड़ा होने लगी। उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। महिला को एंबुलेंस से रूपवास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट किया जाता, इससे पहले ही प्रसव शुरू हो गया। हॉस्पिटल से डॉक्टर और स्टाफ दौड़कर गेट पर पहुंचे और वहीं पर सुरक्षित डिलीवरी कराई। इसके बाद दोनों को वार्ड में शिफ्ट किया गया। मां-बेटा दोनों स्वस्थ हैं।
रूपवास सीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि शनिवार रात 10 बजे रूपवास से 16 किमी दूर नगला समा गांव से प्रसूता रेखा देवी (38) पत्नी बनवारी कुशवाह को हॉस्पिटल लाया गया। एंबुलेंसकर्मी ने बताया कि गाड़ी में ही महिला का प्रसव शुरू हो चुका है। इस पर दौड़कर एंबुलेंस के पास पहुंचे और चेक किया तो महिला के गर्भ से बच्चा आधा बाहर आ चुका था। पानी की थैली फट चुकी थी, इसलिए गंभीर स्थिति बनी। महिला को उसी हालत में एंबुलेंस से उतारकर अस्पताल के अंदर ले जाने की कोशिश की, लेकिन हालत ज्यादा बिगड़ने का खतरा था। ऐसे में हॉस्पिटल के स्टाफ को गेट पर ही बुलाया। गेट पर ही सभी संसाधन जुटाकर डिलीवरी कराने की प्रोसेस शुरू कर दी। डिलीवरी सफल रही और रेखा देवी ने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद दोनों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। मां और बेटे की हालत ठीक है।
मेडिकल ऑफिसर डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि महिला के हॉस्पिटल के गेट पर प्रसव के फोटो-वीडियो कुछ स्थानीय यू-ट्यूबर और अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए और इसे हॉस्पिटल, डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही बताया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर आलोचना की जा रही, लेकिन यह सब मनगढ़ंत है। कुछ लोग हॉस्पिटल की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। प्रसूता रेखा देवी के पिता भंवर सिंह ने बताया कि शनिवार रात करीब 9.15 बजे बेटी रेखा को प्रसव पीड़ा होने लगी। अस्पताल जाने के लिए 108 पर कॉल किया। महज 15 मिनट में एंबुलेंस घर पहुंच गई। जाजोली गांव से एंबुलेंस के जरिए रेखा को लेकर रूपवास अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में ही बेटी के गर्भ से बच्चा आधा बाहर आ गया था। इस पर डॉक्टर ने अस्पताल के गेट पर ही उसकी डिलीवरी कराई। डॉक्टर और स्टाफ ने पूरा सहयोग दिया। अब बेटी और दोहिता दोनों स्वस्थ हैं। डॉक्टर और स्टाफ उनकी देख-रेख कर रहे हैं। भंवरलाल ने बताया कि रेखा का ससुराल जाजौली गांव में है। पति बनवारी कुशवाह मजदूरी करता है। रेखा डिलीवरी के लिए पीहर आई हुई थी। उसकी चौथी डिलीवरी थी, जो नॉर्मल हुई है। सोशल मीडिया पर अस्पताल की लापरवाही की अफवाह फैलाई जा रही है, जबकि यह सच नहीं है। एंबुलेंस समय पर घर पहुंच गई थी और अस्पताल में भी डॉक्टर और स्टाफ ने पूरा सहयोग किया। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं हुई। अस्पताल प्रशासन की सूझबूझ से मेरी बेटी की सही से डिलीवरी हो गई।
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(Udaipur Kiran) / रोहित