धर्मशाला, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एवं उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में कामकाजी महिलाओं एवं श्रमिकों के शिशुओं की उचित देखभाल के लिए पालना केंद्र बनाने के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि कामकाजी महिलाओं एवं श्रमिक महिलाओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े और बच्चों की भी सही देखभाल सुनिश्चित हो सके।
शुक्रवार को उपायुक्त हेमराज बैरवा ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के परिसर में शिशु देखभाल केंद्र का शुभारंभ करने के उपरांत कहा कि शिशु देखभाल केंद्र खुलने से स्कूल शिक्षा बोर्ड की महिला कर्मचारियों को अपने शिशुओं की बेहतर देखरेख की सुविधा मिलेगी, इस केंद्र में बच्चों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित केयर टेकर भी रखे जाएंगे।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिले के प्रत्येक पात्र बच्चे और महिला तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन हर प्रकार के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। जिला कांगड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं और सुविधाओं का दायरा बढ़ाने के लिए विभाग को प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 6 साल से कम आयु के बच्चों के विकास और देखभाल में आंगनबाड़ी केंद्रों की बहुत अहम भूमिका रहती है।
उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का समय दोपहर तक होता है, जिसके कारण कामकाजी महिलाएं और कामगारों के बच्चों की देखभाल के लिए उसके बाद कोई नहीं होता। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि कामकाजी महिलाएं और कामगारों के बच्चों के लिए उसके बाद भी कोई पालना केंद्र उपलब्ध हो, इसके लिए योजना बनानी चाहिए।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के आधुनिक आईटी सेंटर का भी किया शुभारंभ
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने स्कूल शिक्षा बोर्ड में आधुनिक आईटी सेंटर का शुभारंभ करने के उपरांत कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड पूरी तरह से डिजीटाईज्ड हो गया है तथा विद्यार्थियों को रिजल्ट सहित अन्य डाक्यूमेंट्स की आनलाइन सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड में आईटी की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि और भी बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इस अवसर पर उपायुक्त ने स्कूल शिक्षा बोर्ड की कैंटीन का भी शुभारंभ किया।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया