जम्मू 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सेवाओं की सुरक्षित और परेशानी मुक्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों का आकलन करने हेतु स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की एक बैठक की जिसमें सचिव एच एंड एमई के अलावा एमडी एनएचएम, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, निदेशक स्वास्थ्य सेवा कश्मीर/जम्मू और अन्य संबंधित अधिकारी भी शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने विभाग पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए एक प्रणाली बनाने में एबीडीएम से सर्वोत्तम प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य रिकॉर्ड की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा सुरक्षित तरीके से स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह का अभ्यास रोगी के इतिहास और उसके द्वारा प्राप्त पहले उपचारों के आधार पर उचित निदान में चिकित्सकों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा। उन्होंने लोगों को एबीएचए के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बड़ी संख्या में एसएमएस भेजने का निर्देश दिया।
उन्होंने विभाग से यहां स्वास्थ्य संस्थानों और स्वास्थ्य पेशेवरों की रजिस्ट्रियों के साथ-साथ उनकी उपलब्धता और उनमें से प्रत्येक द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा/नैदानिक सेवाओं के समय-समय पर अद्यतनीकरण के लिए उपाय करने का आग्रह किया।
मुख्य सचिव ने एबीडीएम के तहत सभी ओपीडी प्रवेशों को कवर करने पर भी जोर दिया। उन्होंने क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण को उन अस्पतालों के अलावा अन्य अस्पतालों में भी विस्तारित करने के लिए कहा, जहां इसे पहले ही शुरू किया जा चुका है। उन्होंने रोगियों के ईएचआर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी, जो स्वास्थ्य देखभाल को कागज रहित अभ्यास प्रदान करने के मिशन का अंतिम उद्देश्य है।
इस मिशन के कामकाज का अवलोकन करते हुए सचिव एच एंड एमई, डॉ. सैयद आबिद रशीद शाह ने बताया कि एबीडीएम के मुख्य निर्माण खंडों में यहां की आबादी की एबीएचए आईडी के निर्माण के अलावा क्रमशः स्वास्थ्य पेशेवर रजिस्ट्री और स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री के आकार में स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों दोनों का एक भंडार तैयार करना शामिल है। आगे यह भी पता चला कि अब तक लगभग 1.36 करोड़ की लक्षित आबादी के लिए लगभग 90,90,802 एबीएचए आईडी बनाई गई हैं। इसके अलावा एचएफआर में सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं और पैनल में शामिल निजी संस्थान भी शामिल हैं।
इसी तरह एचपीआर में यहां कार्यरत 6448 डॉक्टरों और 4488 नर्सों का रिकॉर्ड है। इसमें कहा गया कि 105 स्वास्थ्य सुविधाएं ओपीडी प्रवेश के लिए स्कैन और शेयर सुविधा का विस्तार कर रही हैं जिससे अब तक 53,99,189 टोकन उत्पन्न हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर के कॉलेजों में एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम की शुरुआत के संबंध में बैठक में बताया गया कि सरकारी नर्सिंग कॉलेज श्रीनगर में 25 सीटें उपलब्ध हैं जो यहां बीओपीईई द्वारा भरी गई हैं। इसी प्रकार 49 नर्सिंग कॉलेज 2885 सीटें प्रदान करते हैं 19 पैरामेडिकल संस्थान 1660 सीटें प्रदान करते हैं और 6 बी-फार्मा संस्थानों में इस पाठ्यक्रम के लिए 373 उम्मीदवारों की प्रवेश क्षमता थी।
बताया गया कि एमएससी नर्सिंग की 233 सीटों में से अब तक 206 सीटें भरी जा चुकी हैं। इसी क्रम में 3150 बी.एससी नर्सिंग सीटें, 334 बी.फार्मा सीटें और 627 बी.एससी पैरामेडिकल सीटें पेशेवर बोर्ड द्वारा भरी गईं और बची हुई सीटों के लिए इन पेशेवर संस्थानों ने स्वयं यहां प्रवेश किया।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी