जम्मू, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने यूटी के पर्यटन विकास प्राधिकरणों के साथ उनके कामकाज, राजस्व सृजन और आगंतुकों को दी जा रही सुविधाओं का मूल्यांकन करने के लिए बैठक की। बैठक में आयुक्त सचिव, पर्यटन, निदेशक पर्यटन, जम्मू/कश्मीर, विकास प्राधिकरणों के सीईओ के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे, जबकि जम्मू स्थित अधिकारियों ने वस्तुतः भाग लिया।
मुख्य सचिव ने पर्यटन स्थलों पर अवैध निर्माण या मास्टर प्लान के उल्लंघन को गंभीरता से लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से नियमों को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए अपने अधिकार क्षेत्र पर कड़ी निगरानी रखने पर जोर दिया। उन्होंने इन क्षेत्रों में शून्य उल्लंघन सुनिश्चित करने के लिए उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि का तत्काल सीमांकन करने का भी निर्देश दिया।
डुल्लू ने प्रत्येक टीडीए के लिए मास्टर प्लान की स्थिति पर भी ध्यान दिया। उन्होंने जहां भी आवश्यक हो, योजनाओं में अद्यतन करने और संबंधित मुख्य नगर नियोजक के परामर्श से नई योजनाओं का मसौदा तैयार करने को कहा। राजस्व क्षेत्र के संबंध में, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व सृजन और उनके रखरखाव के लिए अपनी संपत्तियों की आउटसोर्सिंग के उपाय करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाने के लिए भी कहा कि इन सभी संपत्तियों की देखभाल इन निजी खिलाडि़यों द्वारा ठीक से की जाए।
पर्यटकों के लिए सुविधाओं के प्रावधान के बारे में पूछते हुए, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को इन क्षेत्रों की स्वच्छता के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने इन पर्यटक स्थलों में ठोस अपशिष्ट के उपचार की स्थिति के अलावा वहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की उपलब्धता के बारे में भी पूछा। उन्होंने वहां सर्वोत्तम स्वच्छता सुविधाएं, सड़क, बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी बनाकर इन स्थानों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
आयुक्त सचिव, पर्यटन, यशा मुद्गल ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में इन पर्यटन विकास प्राधिकरणों की स्थापना के पीछे के जनादेश और उद्देश्यों का अवलोकन दिया। उन्होंने उनकी कार्यप्रणाली और नीति या मानव संसाधन आवश्यकताओं के संदर्भ में उनमें से प्रत्येक के सामने आने वाले मुद्दों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले एक महीने में प्रवर्तन पक्ष और प्रत्येक प्राधिकरण के तहत क्षेत्रों के सीमांकन दोनों पर पर्याप्त प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि परिसंपत्तियों की आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया को एक विशिष्ट समयसीमा के भीतर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इन टीडीए के संबंधित मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने समय-समय पर सरकार द्वारा जारी विभिन्न अधिसूचनाओं के आधार पर अपने अधिकार क्षेत्र के तहत क्षेत्रों का विवरण दिया। उन्होंने बैठक को वहां प्रचलित मास्टर प्लान की स्थिति और उनके अद्यतनीकरण या संशोधन की आवश्यकता के बारे में भी जानकारी दी।
इसके अलावा, संबंधित सीईओ ने प्रत्येक टीडीए में मौजूद संपत्ति के प्रकार पर प्रकाश डाला। उन्होंने बैठक को उनके वर्तमान उपयोग और पर्यटकों की संख्या बढ़ाने, रात्रि प्रवास के लिए सुविधाओं के निर्माण और वहां पर्यटन संबंधी अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए उनकी आउटसोर्सिंग की योजनाओं से अवगत करवाया।
जिन विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की गई उनमें गुलमर्ग, पहलगाम, पटनीटॉप, सोनमर्ग, दूधपथरी, भद्रवाह, सुरिंसर-मानसर, बनी-बसोहली, लोलाब-बंगस, अहरबल, किश्तवाड़, कोकरनाग, पुंछ, राजौरी, तोसामैदान, शोपियां-पीर की गली, वुल्लर-मानसबल, बिलावर-डुग्गन, वेरीनाग, युसमर्ग के अलावा बारामूला जिले में ह्यगम निंगली के रखरखाव और विकास के लिए बनाया गया प्राधिकरण षामिल है। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि इन विकास प्राधिकरणों की स्थापना जम्मू और कश्मीर विकास प्राधिकरण अधिनियम के अनुसार की गई है। पटनीटॉप विकास प्राधिकरण, पहलगाम विकास प्राधिकरण और गुलमर्ग विकास प्राधिकरण सहित तीन प्रमुख प्राधिकरणों की अध्यक्षता उपराज्यपाल द्वारा की जा रही है, जबकि मुख्य सचिव बाकी अठारह प्राधिकरणों के अध्यक्ष हैं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह