जम्मू 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जम्मू और कश्मीर में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए निष्पादन एजेंसियों के इंजीनियरों की उपस्थिति में लोक निर्माण विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता की।
पूरे केंद्र शासित प्रदेश में इन महत्वपूर्ण सड़क संपर्क को पूरा करने की समग्र प्रगति का जायजा लेते हुए मुख्य सचिव ने इंजीनियरों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया ताकि वे समय सीमा को कुशलतापूर्वक पूरा कर सकें। उन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों को समय पर पूरा करने के लिए कार्यों की स्वयं निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ये सड़क परियोजनाएं अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी गुणवत्ता मापदंडों और पर्यवेक्षण का पालन करते हुए इन्हें शीघ्रता से पूरा करने की आवश्यकता है।
उन्होंने पीएमजीएसवाई-4 के तहत सर्वेक्षण और डीपीआर तैयार करने के काम को जल्द पूरा करने पर जोर दिया ताकि इस कार्यक्रम के तहत सभी संपर्क रहित बस्तियों को बिना किसी चूक के सभी मौसम के लिए सड़क संपर्क प्रदान किया जा सके। उन्होंने सचिव को इस प्रक्रिया की नियमित निगरानी करने और प्रत्येक गांव के संबंध में अपेक्षित व्यापक नई कनेक्टिविटी प्राथमिकता सूची को पूरा करने की सलाह दी, ताकि उन्हें शीघ्र निष्पादन और पूरा करने के लिए उचित प्राथमिकता दी जा सके।
एक प्रस्तुति में लोक निर्माण सचिव भूपेंद्र कुमार ने बैठक को पीएमजीएसवाई-1, 2 और 3 के तहत हासिल की गई उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पीएमजीएसवाई-1 के तहत 210 लॉन्ग स्पैन ब्रिज सहित 17578 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया और चरण 2 के तहत 7 एलएसबी पूरे हो गए हैं, जबकि इस कार्यक्रम के चरण-3 के तहत एक एलएसबी सहित 1248 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है।
यह बात सामने आई कि पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ विशेष श्रेणी में आने वाले जम्मू-कश्मीर को पीएमजीएसवाई के तहत केंद्र सरकार द्वारा 90 प्रतिषत तक सहायता दी जाएगी। इसमें जनसंख्या मानदंड के संदर्भ में भी छूट दी गई है क्योंकि यहां की बस्तियों की जनसंख्या 250 होनी चाहिए, जबकि अन्य राज्यों/विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह 500 है।
बैठक में बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में संपर्क से वंचित 1386 गांवों में से 1249 गांवों के पक्ष में ग्राम सड़क सर्वेक्षण को अंतिम रूप दे दिया गया है और 102 गांवों को पीएमजीएसवाई चरण-4 के तहत क्रियान्वयन के लिए जांच के दायरे में लिया जा रहा है।
केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के बारे में बताया गया कि 2366 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत 121 चालू परियोजनाओं में से अब तक 1180 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और वर्ष 2024-25 के लिए 41 परियोजनाओं के लक्ष्य के मुकाबले 21 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
नाबार्ड आरआईडीएफ के संबंध में बताया गया कि आरआईडीएफ-24 से 29 के तहत 4761 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली 1098 परियोजनाएं स्वीकृत की गई थीं। इनमें से 1246 करोड़ रुपये का व्यय दर्ज किया गया और अब तक 195 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि आरडीआईएफ-30 के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश ने लगभग 949 करोड़ रुपये की लागत वाली 140 परियोजनाएं अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कैपेक्स के तहत दर्ज समग्र प्रदर्शन के बारे में बैठक में बताया गया कि सड़क क्षेत्र, नाबार्ड, शहर और कस्बे, सीआरआईएफ, पीएमजीएसवाई, पुल कार्यक्रम और विकास के अन्य शीर्षों के तहत स्वीकृत 3469 कार्यों के लक्ष्य के मुकाबले आज तक 2115 कार्य पूरे हो चुके हैं।
जहां तक सड़कों की ब्लैकटॉपिंग का सवाल है, यह बताया गया कि विकास के विभिन्न क्षेत्रों के तहत आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 3013 किलोमीटर सड़कों का समतलीकरण किया गया है। इसके अलावा, इस वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित 60 के लक्ष्य के मुकाबले 25 पुल भी पूरे हो चुके हैं।
बैठक में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें जेकेपीसीसी स्टाफ का पीडब्ल्यूडी में देरी तथा निगम द्वारा छोड़ी गई अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निगम के पास अभी भी पड़े धन का उपयोग शामिल था।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी
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