नायब तहसीलदार की पदोन्नति परीक्षा करवाने का दिलाया था विश्वास
चंडीगढ़, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । कानूनगो से नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय परीक्षा दो माह में करवाने का दिसंबर में आश्वासन देना हरियाणा के मुख्य सचिव को भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना का मामला मानते हुए मुख्य सचिव को कोर्ट में तलब किया है। मुख्य सचिव अपने आश्वासन के अनुरूप यह परीक्षा निर्धारित समय अवधि में नहीं करा पाए हैं।
याचिका दाखिल करते हुए रेशम सिंह ने हाई कोर्ट को बताया कि वह कानूनगो है और 31 मार्च 2024 को रिटायर होने जा रहा है। वह नायब तहसीलदार के तौर पर पदोन्नति के लिए योग्य है, लेकिन हरियाणा सरकार विभागीय परीक्षा आयोजित नहीं करवा रही है। दिसंबर 2023 में हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए दो माह में परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। इसके बाद याची रिटायर हो गया लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं की गई। इसके चलते अवमानना याचिका दाखिल की गई।
अवमानना याचिका पर सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए बताया कि पहले 18 और 22 मार्च को परीक्षा का निर्णय लिया गया था लेकिन विभागीय कारणों से परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। इसके बाद अप्रैल में परीक्षा की तिथि तय की गई, चुनावी ड्यूटी के चलते परीक्षा को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जुलाई के प्रथम सप्ताह में दो चरणों में परीक्षा आयोजित की गई थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की दलीलें देकर सरकार हाई कोर्ट में दिलाए गए विश्वास को नहीं तोड़ सकती। यह प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना का मामला बनता है। याची बिना पदोन्नति पाए रिटायर हो गया, वह भी बिना किसी दोष के। वह पदोन्नति के लिए सभी योग्यता रखता था। उसमें केवल विभागीय परीक्षा पास करने की कमी थी। ऐसे में अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव अवमानना के आरोप तय करने के लिए कोर्ट में हाजिर रहेंगे। हाई कोर्ट ने छूट दी कि यदि वह चाहें तो वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भी शामिल हो सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा