Uttar Pradesh

मुख्य सचिव ने एसजीपीजीआई में अग्निशमन अधिकारियों की भर्ती करने के दिए निर्देश

समीक्षा बैठक करते मुख्य सचिव मनोज सिंह

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसजीपीजीआई एमएस की 102वीं शासी निकाय बैठक संपन्न

संस्थान में आग से बचाव के समुचित प्रबंध होने चाहिये

लखनऊ,22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) की 102वीं शासी निकाय बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि संस्थान में आग से बचाव के समुचित प्रबंध होने चाहिये। आग से बचाव के लिए स्थापित सभी उपकरण क्रियाशील रहे। उन्होंने आग लगने की घटनायें न हो, इसके लिए अधिक ठोस अग्नि सुरक्षा मानदंड बनाने और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ अग्निशमन अधिकारियों की भर्ती करने के भी निर्देश दिए।

शासी निकाय ने 68वें अकादमिक बोर्ड की कार्यवृत्त और अनुशंसा को मंजूरी दी और विभिन्न विभागों में पीडीसीसी (पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स) और पीडीएएफ (पोस्ट डॉक्टोरल एडवांस फेलो) के छह नए पाठ्यक्रमों को अनुमति दी। शासी निकाय ने संस्थान में प्रतिनियुक्ति पर तैनात प्रांतीय स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा (पीएचएमएस) डॉक्टरों के लिए आपातकालीन देखभाल में सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करने की भी अनुमति दी।

इसके अलावा विभिन्न स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी विभागों में 368 संकाय पदों के वितरण को भी शासी निकाय ने मंजूरी दी, जिससे नवीन पदों के सृजन के साथ-साथ रोगी देखभाल और अनुसंधान कार्य में भी मदद मिलेगी। इसी क्रम में शासी निकाय द्वारा संस्थान परिसर में बहु-स्तरीय पार्किंग के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई। यह पीजीआई परिसर में पार्किंग की समस्या को हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जो स्टाफ सदस्यों के साथ-साथ संस्थान आने वाले रोगियों के लिए सुरक्षित पार्किंग सुविधा प्रदान करेगा। शासी निकाय ने उत्तर प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार, एम्स, नई दिल्ली की तरह 40 प्रतिशत प्रोफेसरों को उच्च प्रशासनिक ग्रेड स्केल (स्तर -15) को मंजूरी दी।

बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के निदेशक प्रो. आर.के. धीमान, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी, वित्त अधिकारी विश्वजीत राय और शासी निकाय के अन्य सदस्यगण आदि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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