Uttar Pradesh

धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा मुख्यमंत्री योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट ​विंध्य कारिडोर : पदुम नारायण

उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण द्विवेदी व उनकी धर्मपत्नी

– बोले, देश-दुनिया के पर्यटकों की बढ़ेगी आमद, खुलेंगे तरक्की के द्वार, बढ़ेंगे रोजगार

– मां विंध्यवासिनी से विश्व कल्याण की कामना कर गए राज्य सूचना आयुक्त

मीरजापुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्र के महानवमी पर विंध्य दरबार आए उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण द्विवेदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर की झलक देख अभिभूत हो गए। उन्होंने मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर प्रदेश के तरक्की कामना की।

राज्य सूचना आयुक्त ने विंध्य क्षेत्र की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुलाबी पत्थर से सुशोभित मां विंध्यवासिनी का आंगन मानो स्वर्णिम आभा बिखेर रहा है। पत्थरों पर उकेरी गई अद्भुत कलाकृति दिव्यता बिखेर रही है तो विंध्य कारिडोर का परिक्रमा पथ मां विंध्यवासिनी की महिमा का एहसास करा रहा है। कुल मिलाकर विंध्य काॅरिडोर में भारतीय संस्कृति की झलक दिख रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन की संकल्पना साकार करेगा ही, विंध्य कारिडोर के अंतर्गत अष्टभुजा-कालीखोह और मां विंध्यवासिनी धाम तीनों को मिलाकर शक्तिपीठ सर्किट बनेगा, जो धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। इससे देश-दुनिया के पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और उत्तर प्रदेश तरक्की करेगा व रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण (पीएन) द्विवेदी कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत दूसरी बार वह भी महानवमी के अवसर पर आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद लेने विंध्यधाम आए थे। ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्’ सभी सुखी रहें, स्वस्थ रहें, सब का भला हो। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ राज्य सूचना आयुक्त मां विंध्यवासिनी से विश्व कल्याण की कामना कर गए। लखनऊ से सड़क मार्ग से विंध्याचल आए राज्य सूचना आयुक्त ने पुराने वीआईपी मार्ग से गर्भगृह पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। इसके बाद मंदिर परिसर में विराजमान समस्त देवी-देवताओं को नमन किया। साथ ही विंध्य कारिडोर की भव्यता भी निहारी। इसके उपरांत राज्य सूचना आयुक्त विंध्य पर्वत की ओर बढ़े, जहां अष्टभुजा और मां काली का दर्शन किया। दर्शन-पूजन के बाद वे अपने गंतव्य को प्रस्थान कर गए।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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