
-स्टालिन के साथ राज्य के अन्य दलों के साथ भी होंगे शामिल
चेन्नई, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में सोमवार को कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने आज घोषणा की कि वे तमिलनाडु से संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के
बारे में निर्णय कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने आज विधानसभा में इस बारे में बताया कि सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में लोक कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए किसी को भी दंडित न किया जाए। भारत में पहली बार तमिलनाडु विधानसभा में निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस तर्ज पर उत्तरी राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जा रहा है, उसी तर्ज पर तमिलनाडु में भी इसे लागू किया जाना चाहिए। तमिलनाडु में किए जा रहे निर्वाचन क्षेत्र परिसमीन के लिए वे लोगों को जागरूक करेंगे क्योंकि इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण को सफलतापूर्वक लागू किया है, उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता की ओर से मैं तमिलनाडु की उन पार्टियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने इसका समर्थन किया और उन पार्टियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को संसद में वादा करना चाहिए कि वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन को 2026 से अगले 30 वर्षों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। संविधान में एक सुसंगत संशोधन संसद में पारित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए। 1971 की जनगणना के अनुसार किए गए निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को अगले 25 वर्षों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। कल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने वाले राज्यों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उसमें उचित कानूनी संशोधन किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति की बैठक में भाग लेने वाले लोगों को अपने राज्य विधानसभाओं में प्रस्ताव भी पारित करना चाहिए।
उन्होंने तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा के नारे को अगले स्तर तक ले जाते हुए कहा कि हम अपने अधिकारों को बहाल करने और एक निष्पक्ष निर्वाचन क्षेत्र की पुनर्परिभाषा प्राप्त करने के लिए तमिलनाडु से संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए ले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले शनिवार को संसदीय क्षेत्र के परिसीमन के खिलाफ पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान सिंह, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार सहित प्रमुख नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया जबकि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भागीदारी की थी।
—————
(Udaipur Kiran) / Dr. Vara Prasada Rao PV
