
– असम विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद् प्रस्ताव पर चर्चा में 12 विधायकों ने लिया हिस्सा
गुवाहाटी, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । भाजपा विधायक चक्रधर गोगोई ने कहा है कि कोई अभिनेता तीन घंटे पर्दे पर कार्य करके और कोई खिलाड़ी आठ घंटे मैदान में खेलकर वाहवाही लूट लेता है, लेकिन असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा दिन में 18 घंटे राज्य की सेवा करते हैं, बावजूद इसके विपक्षी दल संतुष्ट नहीं होते। विधायक चक्रधर गोगोई बुधवार को असम विधानसभा के चालू बजट सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर विधायक रूपक शर्मा के धन्यवाद् प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे। इस चर्चा में आज सत्ता और प्रतिपक्ष के कुल 12 विधायकों ने हिस्सा लिया। जबकि, गुरुवार को इस चर्चा में अन्य 30 विधायक हिस्सा लेंगे। बीच-बीच में टोका टोकी के बावजूद धन्यवाद् प्रस्ताव पर चर्चा पूरे समय होती रही। बाद में सदन की कार्यवाही का समय पूरा होने के बाद अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने अगले दिन के लिए तक के लिए सभा स्थगन की घोषणा की।
विधायक गोगोई ने कहा कि मुख्यमंत्री के अथक परिश्रम के कारण ही आज राज्य विकसित असम की ओर अग्रसर हो रहा है। असम का स्वरूप बदल रहा है। विपक्षी दलों द्वारा सरकार के अच्छे कार्यों की भी आलोचना किए जाने को विधायक ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार सच्चे अर्थों में सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। गांव से लेकर चाय बागानों तक सभी का विकास किया जा रहा है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई- सभी के लिए न्यायपूर्ण तरीके से सरकार कार्य कर रही है।
विधायक गोगोई ने विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दिनों में जहां असम समझौता के क्रियान्वयन के लिए कुछ भी नहीं किया गया। काजीरंगा तथा अन्य स्थानों पर अतिक्रमणकारियों के लिए सड़क, बिजली, पेयजल आदि की सुविधा सरकार द्वारा कर दी गई। कांग्रेस सरकार के दिनों में मारे गए 856 शहीदों के साथ उपेक्षापूर्ण बर्ताव किया गया। लेकिन, इस सरकार ने जहां काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से लेकर बटद्रवा सत्र तथा अन्य स्थानों पर राज्य की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया। वहीं, असम समझते की क्रियान्वयन की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। 856 असम आंदोलन के शहीदों के प्रति सम्मानजनक बर्ताव किए गए हैं।
वहीं, धन्यवाद् प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी दल के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के नाम पर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध कार्य कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के समय में किसी का विकास तो किसी का विनाश किया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस विधायक नुरूल हुदा ने कहा कि राज्य में 38 फ़ीसदी अल्पसंख्यकों की जनसंख्या है, लेकिन इसके कल्याण के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। यहां तक कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनाए गए अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के लिए 2022-23 के बजट में 11.40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, लेकिन सरकार ने राशि आवंटित नहीं की। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर तमाम सुविधाओं की कमी है। जहां अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या नगण्य है, वहीं स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन बुरी तरह दुष्प्रभावित हो रहा है। उन्होंने अल्पसंख्यकों को भूमि का अधिकार देने, अस्पतालों में चिकित्सकों तथा स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने की सरकार से मांग की।
चर्चा में भाग लेते हुए विधायक बिमल हजारिका ने विधानसभा के पहले दिन का सत्र कोकराझाड़ में बुलाए जाने के लिए सरकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस सरकार के समय में राज्य के विकास के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य में सड़कों के विस्तार, मॉडल हाई स्कूलों, मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों, एक के बाद एक अनेक मेडिकल कॉलेजों आदि का निर्माण करने आदि के लिए सरकार को धन्यवाद् दिया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के समय में असम चिकित्सा महाविद्यालय, डिब्रूगढ़ को उन्नत किया गया है, जिससे मरीजों की देखभाल अच्छे तरीके से हो पा रही है। वहीं, उन्होंने कहा कि अस्पतालों की संख्या बढ़ जाने के कारण इस मेडिकल कॉलेज में भीड़ कम हो गई है, जिस कारण चिकित्सक मरीज को ठीक से समय दे पाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिहू नृत्य का वर्ल्ड रिकॉर्ड करने के बाद अब झूमर नृत्य का विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने जा रही है, जिससे असम की संस्कृति का विस्तार विश्व स्तर पर हो सकेगा। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब शाम के बाद राज्य अंधकार में डूब जाता था, लेकिन आज 24 घंटे बिजली लोगों को मिल रही है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में तट कटाव के कारण 1947 से लेकर अब तक बेघर हुए राज्य के 50 लाख लोगों के पुनर्संस्थापन को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जहां अन्य जनजातीय बोर्डों को सरकार धन आवंटित कर रही है, वहीं अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड को धन नहीं दिया जा रहा है, जिससे सरकार की मनसा साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमजोर वर्गों को नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी आदेश के बावजूद यह सरकार राज्य के अल्पसंख्यक कमजोर वर्गों को यहां आरक्षण नहीं दे रही है। उन्होंने सरकार पर कई आरोप लगाए।
चर्चा में भाग लेते हुए विधायक गोविंद बसुमतारी ने कहा कि इस सरकार ने बोडोलैंड समझौता करके जहां क्षेत्र में स्थायी शांति बहाल की। वहीं, इस क्षेत्र में 1100 किलोमीटर रास्ते का निर्माण किया गया। यहां पहले एकमात्र कोकराझाड़ विश्वविद्यालय था। सरकार उदालगुड़ी में एक अन्य बोड़ोलैंड विश्वविद्यालय बनाने जा रही है। तामुलपुर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जा रहा है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में काम चल रहा है। चाय बागानों में स्कूलों की उन्नत व्यवस्था किए जाने के कारण आज चाय बागान के छात्र पढ़ लिख कर आगे आ रहे हैं।
वहीं, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक दिगंत बर्मन ने कहा कि सरकार ने राज्य में सम-जिलों का गठन किया है, जो स्वागत योग्य कदम है। लेकिन, इस गठन के सिलसिले में राज्य के कई सर्किल कार्यालयों को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सर्किल कार्यालयों में लोग स्थानीय भूमि संबंधी समस्याओं को लेकर जाते हैं, लेकिन सर्किल कार्यालयों को काफी दूर ले जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से सर्किल कार्यालयों को बहाल रहने दिए जाने का आग्रह किया। इस प्रकार राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद् प्रस्ताव में आज कुल 12 विधायकों ने हिस्सा लिया। अंत में राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा की अनुमति से सदन के पटल पर राइट टू पब्लिक सर्विसेज अमेंडमेंट बिल 2025 रखा। इसके बाद कल तक के लिए सदन के कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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