रायपुर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) ।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज गुरुवार को दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हुआ।इस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मौजूद हैं ।
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।श्री साय ने कहा कि सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करे।मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े।जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई।श्री साय ने भाषा के संयम को लेकर भी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि आपके अधिकारियों से भाषा का संयम चुका तो करें कार्यवाही, आपसे ऐसी गलती हुई तो मैं करूंगा कार्यवाही।कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के कड़े तेवर दिखे।श्री साय ने सारंगढ़ ,बस्तर, खैरागढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर नाराजगी जताई।साथ ही कलेक्टर को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व सम्बंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों। उन्होंने अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।साथ ही उन्होंने अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करने कहा।श्री साय ने कहा कि 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें।उन्होंने निर्देश दिया कि विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न होने चाहिए।श्री साय ने कहा कि सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें।डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है, समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुँचे इसका ध्यान रखें।कमिश्नर भी मोनिटरिंग करते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचाई जाए। सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। बीते नौ महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, लेकिन विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की जरूरत है।
प्रशासनिक कार्य के कामकाज की समीक्षा और राज्य में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में सीएम विष्णुदेव साय ने जिलों के कलेक्टर्स को विकास योजनाओं पर निगरानी रखने के दिशा निर्देश जारी किए। पूरे दिन भर होने वाली समीक्षा में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री एक एक जिले और कमिश्नरी से फीडबैक लेंगे।
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा