Assam

असम के भर्ती मॉडल की देशभर में तारीफ: मुख्यमंत्री

Several important resolution adopted in Assam cabinet meeting

गुवाहाटी, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम में सरकारी नौकरियों में हो रही भर्ती की पारदर्शी प्रक्रिया की देशभर में प्रशंसा हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के संशोधित सरकारी सेवा भर्ती मॉडल की पारदर्शिता, लीक-प्रूफ प्रणाली और समय पर इसका पूरा होना पूरे देश में प्रशंसा का कारण बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि 2021 से अबतक असम में सफलतापूर्वक 97 हजार से अधिक नौकरियां प्रदान की गई है। शीघ्र ही और 50 हजार नौकरियां दी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार की अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नया माडल लागू किया गया।

मुख्यमंत्री ने एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि अक्षमता और भ्रष्टाचार से बदनाम इतिहास को बदलते हुए वर्तमान शासन ने एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू की है। असम में भर्ती प्रक्रिया में कैसे सुधार किया गया, यह निम्न बिंदुओं पर गौर करने से स्पष्ट हो जाता है।

निष्पादन का पैमाना: 25 जिलों में एक हजार 240 परीक्षा केंद्रों पर 14 लाख आवेदकों की परीक्षा ली गई।

चयन प्रक्रिया: लिखित परीक्षा आयोजित की गई। 58 हजार उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया और उन्नत तकनीक का उपयोग करके 48 विभागों के लिए 25 हजार 791 उम्मीदवारों का चयन करने के लिए साक्षात्कार पूरा किया गया।

इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए राज्य स्तरीय भर्ती आयोग (एसएलआरसी) की स्थापना की। इस पहल ने नियुक्ति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया।

केंद्रीकृत दृष्टिकोण: विभिन्न विभागों की नियुक्तियों को मिलाकर एक समान चयन प्रक्रिया बनाना।

तकनीक-संचालित प्रक्रिया: बिना किसी धोखाधड़ी, पेपर लीक या विवादों के निर्बाध भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।

प्रक्रिया की मुख्य बातें: रिक्त पदों के लिए विज्ञापन ऑनलाइन फॉर्म भरना।

लिखित परीक्षा कौशल परीक्षण और मौखिक साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्टिंग परिणाम की घोषणा। स्वैच्छिक विभाग आवंटन।

उन्होंने कहा कि इस नए मॉडल के साथ असम ने भर्ती प्रक्रिया को केवल 400 दिनों में पूरा करने में कामयाबी हासिल की है, जिससे छात्रों और सरकार दोनों पर वित्तीय और रसद का बोझ काफी कम हो गया है। यह उपलब्धि चुनावी कार्यकाल के अंत तक एक लाख सरकारी नौकरियां देने के मुख्यमंत्री के वादे के अनुरूप है। उनकी सरकार ने न सिर्फ एक लाख नौकरियां देने संबंधी अपने वादे पूरे किए हैं, बल्कि एक लाख 50 हजार नौकरियां उनके 5 वर्षों के कार्यकाल में दी जाएंगी।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश / अरविन्द राय

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