
श्रीनगर 19 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आवास एवं शहरी विकास विभाग के तहत विभागों और एजेंसियों के पुनर्गठन के प्रस्तावों की समीक्षा हेतु एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें प्रभावी कार्यान्वयन और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत क्षमता को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, आयुक्त सचिव एचएंडयूडीडी मंदीप कौर, श्रीनगर और जम्मू नगर निगमों के आयुक्त, महानिदेशक (कोड), श्रीनगर विकास प्राधिकरण और झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
आरंभ में आयुक्त सचिव एचएंडयूडीडी ने प्रस्तावित विभागीय पुनर्गठन का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य विभाग के विभिन्न घटक निकायों का पुनर्गठन करना है, ताकि परिचालन दक्षता को बढ़ाया जा सके, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया जा सके और जम्मू-कश्मीर में सेवा वितरण में सुधार किया जा सके।
उन्होंने बैठक में बताया कि जिन प्रस्तावों को वित्तीय सहमति प्राप्त हो चुकी है उनका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में मानव संसाधन की तैनाती को अनुकूलतम बनाना, दक्षता बढ़ाना और शहरी शासन तंत्र को मजबूत करना है।
प्रमुख प्रस्तावों में से जम्मू-कश्मीर हाउसिंग बोर्ड के पुनर्गठन का उद्देश्य तकनीकी क्षमता और समग्र कार्यक्षमता में सुधार के लिए पदों को युक्तिसंगत बनाकर वर्तमान स्टाफ असंतुलन को दूर करना है जहाँ 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के हैं। झील संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण के पुनर्गठन में प्रदूषण नियंत्रण समिति के मानकों के साथ संरेखित करने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी पदों का पुनः नामकरण, साथ ही प्रशासनिक भूमिकाओं का युक्तिसंगतकरण शामिल है।
इससे वैज्ञानिक क्षमताओं में वृद्धि और अतिरेक को समाप्त करने की उम्मीद है। टाउन प्लानिंग ऑर्गनाइजेशन के लिए आधुनिक शहरी विकास की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए टाउन प्लानिंग कार्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
बैठक में बताया गया कि पुनर्गठन में विशेष इकाइयों का निर्माण, नीति प्रकोष्ठों की स्थापना और बेहतर समन्वय और परियोजना निष्पादन के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों का पुनर्गठन शामिल है। आर्किटेक्ट्स ऑर्गनाइजेशन, जिसकी स्थापना 1971 में हुई थी और जो जम्मू-कश्मीर में उच्च-मूल्य वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार है, अपने कामकाज को पुनर्जीवित करने और वर्तमान समय की बुनियादी ढांचागत जरूरतों के साथ संरेखित करने के लिए संरचनात्मक परिवर्तनों से भी गुजरेगा।
श्रीनगर नगर निगम जिसने 74वें संविधान संशोधन के बाद कार्यों में महत्वपूर्ण विस्तार देखा है, वर्तमान में जनशक्ति और बजटीय बाधाओं का सामना कर रहा है। प्रस्तावित पुनर्गठन का उद्देश्य बेहतर दक्षता और सेवा वितरण के लिए अपने प्रशासनिक ढांचे को फिर से परिभाषित करना है।
जम्मू विकास प्राधिकरण को अपने पुनर्गठन प्रस्ताव के लिए बोर्ड से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है जिसे आगे के विचार के लिए प्रशासनिक विभाग को भेज दिया गया है।
श्रीनगर विकास प्राधिकरण में परियोजना निष्पादन क्षमताओं को बढ़ाने और विस्तारित शहरी क्षेत्रों में नीति कार्यान्वयन में सुधार के लिए राजपत्रित और अराजपत्रित दोनों पदों का विस्तृत तुलनात्मक पुनर्गठन किया जाएगा।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों के कार्यान्वयन से आवास और शहरी विकास विभाग की परिचालन क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, पर्याप्त वित्तीय बचत होगी और जम्मू-कश्मीर में शहरी शासन को सुव्यवस्थित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये सुधार सतत शहरी विकास, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
