जम्मू, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2024 की शुरुआत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए ईमानदारी की शपथ दिलाई। शपथ समारोह श्रीनगर में नागरिक सचिवालय की तीसरी मंजिल पर मीटिंग हॉल में सुबह 11ः00 बजे हुआ जिसमें सभी विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशासनिक सचिवों ने भाग लिया।
जम्मू में तैनात अधिकारी नागरिक सचिवालय, जम्मू से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए जबकि संभागीय आयुक्त, उपायुक्त, विभागाध्यक्ष, और सैकड़ों स्कूलों ने अपने जिला मुख्यालयों से भाग लिया जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हुई। विभागों ने अपने कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह के शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए जिससे सार्वजनिक सेवा के सभी स्तरों पर ईमानदारी बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन हुआ। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा जैसा कि हम 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मना रहे हैं, मुझे भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू और कश्मीर के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए बहुत गर्व हो रहा है। भ्रष्टाचार को खत्म करना एक प्राथमिकता से कहीं अधिक है, यह एक ऐसा मिशन है जो हमें साहसिक सुधार लाने, निगरानी को मजबूत करने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करता है। हमारा लक्ष्य एक ऐसा शासन मॉडल बनाना है जहाँ हर संसाधन का उपयोग जनता की भलाई के लिए किया जाए।‘‘
उन्होंने इस वर्ष की थीम ‘‘राष्ट्र की समृद्धि के लिए ईमानदारी की संस्कृति‘‘ की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा ईमानदारी किसी भी सफल राष्ट्र की आधारशिला है और विकास, कल्याण और प्रगति पर इसका प्रभाव निर्विवाद है। पदभार ग्रहण करने पर हमारी नवनिर्वाचित सरकार ने निष्पक्षता और ईमानदारी पर आधारित शासन प्रणाली बनाने की दृढ़ प्रतिज्ञा की है।” मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने सभी प्रतिभागियों से इस सप्ताह के दौरान आयोजित पहलों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा “मैं सभी को ईमानदारी को व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन दोनों का मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।
हम सब मिलकर जम्मू-कश्मीर के लिए न्याय, समानता और साझा समृद्धि के भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि ईमानदारी केवल चर्चा करने के लिए एक सिद्धांत नहीं है बल्कि जीने के लिए एक अभ्यास है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, प्रशासनिक सचिवों, विभागीय प्रमुखों और अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में इन मूल्यों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने की सलाह दी।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा