विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनाें काे किया सम्मानित
देहरादून, 3 दिसंबर (से.नि.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिव्यांगजनों ने अपनी शारीरिक परिस्थिति को एक चुनौती के रूप में लेकर न केवल अपने सपनों को साकार किया है, बल्कि समाज को प्रेरित करने का भी कार्य किया है। राज्य सरकार प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक स्तर पर सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है।
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को सुभाष रोड स्थित वैडिंग प्वाइंट में आयोजित दिव्यांग राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों व स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजनों व उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरित किए। इनमें 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी, 32 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 30 स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजन और दाे दिव्यांगजनों के सेवायोजक शामिल हैं।इस माैके पर मुख्यमंत्री ने आगामी विश्व दिव्यांग दिवस तक सभी दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी जिलों में स्पेशल कैंप लगाकर निशुल्क उपकरण उपलब्ध कराने और दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क ऑनलाइन सिविल सेवा कोचिंग की व्यवस्था कराने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत होने वाले सभी उत्कृष्ट एवं दक्ष दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का ये माहौल हम सभी के लिए किसी भी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आज प्रदेश के उन दिव्यांग नायकों को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास, धैर्य और साहस से न केवल अपना जीवन बदला है बल्कि दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच और दृष्टिकोण को भी बदलने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी दफ्तरों से लेकर खेल के मैदान तक प्रत्येक जगह हमारे दिव्यांग भाई-बहन अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं। यही नहीं सभी ने अपनी लगन और मेहनत के बल पर इस कविता की ये पंक्ति सार्थक हैं, ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज देश में दिव्यांगजनों के लिए अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। दिव्यांगता के प्रकारों को 07 से बढ़ाकर 21 किया गया। आज इस ऐतिहासिक परिवर्तन से दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक स्तर पर सुविधाओं को बढ़ाने का काम कर रही है। आज जब भी हम कोई अस्पताल, बस अड्डा जैसी सार्वजनिक इमारत बनाते हैं तो उसमें इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रुपये पेंशन तथा जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को 18 वर्ष तक प्रतिमाह 700 रुपये का भरण-पोषण अनुदान दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य करने के दौरान दुर्घटनावश दिव्यांग हो जाने पर 1200 रूपए प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 21 वर्ष की आयु होने के बावजूद चार फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी कर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजन से विवाह करने पर 25 हजार रुपये की धनराशि दिव्यांग दम्पत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। यही नहीं कक्षा एक से कक्षा आठ तक के दिव्यांग बच्चों अथवा दिव्यांग अभिभावको के बच्चों को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग या उपकरण खरीदने के लिए 07 हजार की धनराशि भी एकमुश्त प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, निदेशक एवं आयुक्त दिव्यांगजन प्रकाश चंद्र,अपर सचिव गौरव कुमार सहित बडी संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार