Assam

मुख्यमंत्री ने मिशन बसुंधरा का किया शुभारंभ

गुवाहाटी: आज यहां मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा द्वारा किए गए मिशन वसुंधरा 3.0 के लांचिंग की तस्वीर।

गुवाहाटी, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की भूमि सुधार योजनाओं में से एक मिशन बसुंधरा 3.0 का रविवार को राज्य में शुभारंभ किया गया। योजना के तीसरे संस्करण का शुभारंभ रविवार को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में किया गया। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज हमारे लिए खुशी और यादगार दिन है। 10 अक्टूबर, 2021 को हमने भूमि सुधार प्रणाली का शुभारंभ किया। हमने 10 मई, 2022 को पहला संस्करण पूरा किया।

उन्होंने कहा, मिशन बसुंधरा के दूसरे चरण की शुरुआत में, हमने अपने राजस्व विभाग में प्रौद्योगिकी के प्रमुख अनुप्रयोगों को शामिल करने के बारे में सोचा। मिशन बसुंधरा 2.0 में, हमने आदिवासियों के लिए अधिकतम् सीमा को बढ़ाकर 50 बीघा कर दिया। मैंने एक सीमा तय की थी, ताकि कोई भी दलाल या बिचौलिया बिना किसी जमीन पर कब्जा किए पैसे के लिए जमीन का पट्टा न दे सके। इन सीमाओं ने स्वदेशी लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा की। मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत हमने ब्रह्मपुत्र घाटी में 12 लाख बीघा जमीन आवंटित की है।

“मिशन बसुंधरा देश की आजादी के बाद पहली बार स्वदेशी लोगों को भूमि अधिकार देने की प्रक्रिया है। विपक्षी कांग्रेस और एएयूडीएफ ने हमारी आलोचना की, लेकिन हम आगे बढ़े और सफल हुए। आजादी के बाद हम स्वदेशी लोगों को भूमि अधिकार देने में सक्षम हुए,” उन्होंने कहा।

“जो लोग 1951 में असम में पैदा हुए और तीन पीढ़ियों से असम में हैं, उन्हें मिशन बसुंधरा से सबसे ज्यादा फायदा होगा। किसी अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को प्रमाण पत्र जारी करने की आवश्यकता नहीं है। मुझे एससी लोगों की तीन पीढ़ियों का कोई प्रमाण पत्र भी नहीं चाहिए। असम के चाय जनजातियों, पूर्व चाय जनजातियों और आदिवासी लोगों को भी तीन पीढ़ी का प्रमाण पत्र जारी करने की आवश्यकता नहीं है। असम में रहने वाले गोर्खाओं को भी तीन पीढ़ी के प्रमाण पत्र से छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस अवधि के दौरान इस जमीन को खरीदता और बेचता है, तो उसे 100 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यदि शहरी क्षेत्रों में असम टाइप का घर है, तो उन्हें 30 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें जमीन के पट्टे के लिए केवल 3 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इस प्रणाली से शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विश्वास के साथ मिशन बसुंधरा 3.0 के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि आपके पास शहरी क्षेत्रों में कोई भवन या आरसीसी घर है, तो आपको 10 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यदि आप खरीदते और बेचते हैं, तो आपको 40 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा। वहीं उन्होंने कहा कि यदि किसी को मिशन बसुंधरा 3.0 का लाभ मिलता है, तो उन्हें गांवों में 50 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 100 रुपये का भुगतान करना होगा।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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