– यह भवन हमारे प्रदेश की गरिमा का बनेगा प्रतीक: पुष्कर सिंह धामी
-श्रीअन्न और जैविक उत्पादों के लिए उत्तराखंड निवास में बनेगा काउंटर
देहरादून, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में 120 करोड़ से अधिक की लागत से बने उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस भवन को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बताया।
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहले अल्मोड़ा जनपद के मार्चुला बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य देने की ईश्वर से प्रार्थना की। इस मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज हम सब उत्तराखंड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं। उत्तराखंड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। राज्य की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखंड निवास संजोये हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इसकी दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से निर्मित है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का कार्य करती है। यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई देने के साथ ही उत्तराखण्ड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए। श्री अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां पर एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पहचान टोपी, पिछोड़ा, शॉल, जैकेट एवं राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था हो। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाये जा रहे हैं। यह हमारे आने वाले अतिथियों के लिए एक विशेष प्रकार का अनुभव होगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। सभी श्रमिकों के समर्पण भाव की भी उन्होंने सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 9 नवंबर को हम उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड भवन का लोकार्पण श्रेष्ठ उत्तराखण्ड बनाने का हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा और राज्य को आगे बढ़ाने में हम सबको प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए पिछले सालों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं। यही कारण है कि नीति आयोग की इस वर्ष की सतत विकास के लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स और स्टार्टप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत कमी लाई गई है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सबसे अनुकूल राज्य होने के लिए भी उत्तराखण्ड को देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक निर्णय लिए हैं। समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम उठाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जल्द ही यूसीसी राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिससे प्रदेश के युवाओं में नया आत्मविश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि हर जनपद से युवाओं का चयन हो रहा है। विगत तीन वर्षों में राज्य में 18500 सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है, जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा। पांच हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून भी लाया जायेगा। जिसकी काफी लंबे समय से प्रतिक्षा है। राज्य सरकार उत्तराखंड के अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास की धारा से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर राज्य के मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत के अलावा सासंद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सासद डॉ. कल्पना सैनी और कई विधायकाें के साथ सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु एवं सचिवगण उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार