Jharkhand

मुख्यमंत्री ने सिरमटोली फ्लाईओवर का किया उद्घाटन, पर्यावरण संरक्षण का किया आह्वान

सिरम टोली फ्लावर का उद्घाटन करते मुख्यमंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पौधारोपण करते हुए
कार्यक्रम में मौजूद लोग उद्घाटन करते हुए

रांची, 05 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य की जनता को एक बड़ी सौगात दी ।

उन्होंने आधुनिकतम तकनीक से निर्मित सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक होते हुए मेकॉन गोलचक्कर तक फोरलेन फ्लाईओवर / एलिवेटेड पथ सह आरओबी परियोजना का उद्घाटन कर इसे राज्य की जनता को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने इस फ्लाईओवर का नामकरण झारखंड के वीर सपूत दिवंगत कार्तिक उरांव के नाम पर करने की घोषणा की ।

मुख्यमंत्री ने वन भवन, डोरंडा, रांची में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने सिरमटोली सरना स्थल में पूजा -अर्चना कर राज्य के सर्वांगीण विकास, सुख -समृद्धि और शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के व्यवस्थित विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई योजनाएं धरातल पर उतर चुकी है, और कई योजनाओं का क्रियान्वयन जल्द होगा। उन्होंने कहा कि राजधानी रांची को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से राजधानीवासियों को काफी हद तक ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी । इससे यातायात व्यवस्था सुगम होगी।

राज्य की जनता के प्रति निभा रहे जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को आपका बड़ा सहयोग मिला है। ऐसे में हमारी सरकार राज्य की जनता के प्रति जिम्मेदारियों को पूरी संवेदनशीलता के साथ निभा रही है। एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते हम शहर से लेकर गांव तक हर व्यक्ति, वर्ग, समुदाय और तबके के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं, ताकि इस राज्य को पूरी मजबूती के साथ आगे ले जा सकें। इस कड़ी में जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं , वहीं मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के जरिए नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसी ही कई और योजनाएं हैं, जिनसे लोगों को सशक्त बनाने का प्रयास निरंतर जारी है।

दूसरे देशों और राज्यों की अच्छी व्यवस्था को अपनाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश और राज्य से अपने राज्य की तुलना करना उचित नहीं है। हर देश की अपनी अलग-अलग व्यवस्थाएं, वातावरण, रहन-सहन और माहौल होते हैं, जिसे अपने प्रदेश में लागू करना उचित नहीं है। लेकिन, हम वहां की बेहतर व्यवस्था को अपने राज्य के वातावरण, जरूरतों और परिस्थितियों के अनुरूप अपना सकते हैं।

वीरों- वीरांगनाओं का राज्य है झारखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों-वीरांगनाओं की धरती है। हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। संविधान निर्माण समिति में भी हमारे राज्य के कई व्यक्तित्व शामिल थे । ऐसे में अपने इन वीर शहीदों और शख्सियतों को सम्मान देने की परंपरा कभी नहीं रुकेगी।

आज पूरी दुनिया के लिए पर्यावरण एक बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पर्यावरण के साथ लगातार छेड़छाड़ हो रहा है । पर्यावरण पर हो रहा यह हमला मानव जीवन और जीव-जंतुओं के लिए खतरा बनता जा रहा है । आज पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। अगर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे नहीं आएं तो हम सभी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ऐसे में पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

वनों को बढ़ाने का प्रयास करना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति का सीधा संबंध हमारे जीवन से है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी मानव जीवन और अन्य जीव-जंतु सुरक्षित रहेंगे। ऐसे में वनों को बढ़ाने का प्रयास करना है । हम सभी सिर्फ एक-एक पेड़ भी लगाएं, तो निश्चित तौर पर बदलाव देखने को मिलेगा और यह पर्यावरण के लिए काफी निर्णायक साबित होगा।

झारखंड का नाम ही हरियाली का प्रतीक है

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का नाम ही हरियाली का प्रतीक है। जल, जंगल और जमीन इस राज्य की पहचान है। इतना ही नहीं, किसी ना किसी माध्यम से हम सदियों से प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं। हमें ना सिर्फ प्रकृति के साथ जुड़े रहना है, बल्कि इसे और समृद्ध करने के लिए पहल करनी है । इस दिशा में हमारी सरकार ने प्रयोग किये हैं। अब सरकारी समारोहों में अतिथियों को पौधा प्रदान करने की परंपरा को शुरू किया है। इसका मकसद पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग और सतर्क करना है।

आज की जरूरत है संतुलित विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें विकास की नई ऊंचाइयों को छूना है। पर्यावरण का भी ख्याल रखना है। मानव जीवन और जीव-जंतुओं को भी सुरक्षित रखना है । ऐसे में पर्यावरण के साथ तालमेल स्थापित करना आज की जरूरत है। यह संतुलित विकास से ही संभव है। ऐसे में पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाते हुए विकास की दिशा में आगे बढ़ना है।

दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति के साथ आगे आना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के स्तर पर कई नियम- कानून और नीतियां बनाई गई है, लेकिन इन नियमों और नीतियों से बेहतर है कि हम सभी दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति के साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कार्य करें। जब हर व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक होगा, तभी प्रकृति को सुरक्षित रख सकेंगे।

ऐसी चीजों से दोस्ती करें जिससे पर्यावरण को खतरा नहीं हो

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें ऐसी चीजों से दोस्ती करना चाहिए, जिससे पर्यावरण को खतरा नहीं हो। आज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। एक छोटा सा प्लास्टिक का बैग आपकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है। इसी वजह से प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन, इसका कोई अंतिम परिणाम अभी तक सामने नहीं आ पाया है। प्लास्टिक आने के पूर्व भी हमारी जिंदगी चल रही थी। हम एनवायरमेंट फ्रेंडली सामानों का इस्तेमाल कर रहे थे और प्रकृति का बचाव भी हो रहा था। ऐसे में आज एक बार फिर हमें वैसी चीजों के इस्तेमाल के लिए आगे आना होगा, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

इस अवसर पर मंत्री सुदिव्य कुमार, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक अमित कुमार महतो, विधायक सुरेश बैठा, राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव सुनील कुमार, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, सचिव अबुबकर सिद्दीक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार औऱ रांची रेल मंडल के डीआरएम सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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