नैनीताल, 3 नवंबर (Udaipur Kiran) । नैनीताल के समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र मंगोली की निवासी भारतीय बॉक्सर दीपाली थापा ने बीते सितंबर माह में दुबई-अबूधाबी में आयोजित जूनियर एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। इस उपलब्धि पर रविवार को देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपाली को प्रतीक चिह्न और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि दीपाली जैसी प्रतिभाओं ने राज्य का गौरव बढ़ाया है और उनकी सफलता से प्रदेश के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने 35 किलो ग्राम भार वर्ग में सेमीफाइनल मुकाबले कजाकिस्तान की खिलाड़ी एनेलीया ऑर्डबेक को और फाइनल में यूक्रेन की खिलाड़ी ल्यूडमिला वासिलचेंको को पराजित कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। इस तरह वह एशियाई चैंपियनशिप में बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज खिलाड़ी बनीं।
उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान, ईराक, चीन सहित 26 देशों ने हिस्सा लिया था। एशियाई चौंपियंनशिप में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 15 पदक प्राप्त किये थे।
वर्ष 2019 में की थी बॉक्सिंग की शुरुआत
दीपाली थापा ने कोरोना काल के दौरान बॉक्सिंग की शुरुआत वर्ष 2019 में नैनीताल के मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर में कक्षा छह की पढ़ाई करने के दौरान की थी। लेकिन तब भार कम होने के कारण वह खेल महाकुंभ में भाग नहीं ले पाई थी। लेकिन अगले वर्ष उन्होंने खेल महाकुंभ में राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया। आगे नोएडा में आयोजित हुई सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता, इससे उनका चयन आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में आयोजित भारतीय कैंप में प्रशिक्षण के लिये चयन हुआ। इसके बाद उन्होंने एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया।
नैनीताल में भी होगा सम्मान
सूत्राें के अनुसार, नैनीताल की बेटी और एशियाई बॉक्सिंग चैंपियन दीपाली थापा के लिये आगामी पांच नवम्बर को नगर के व्यापारिक संगठन, होटल एसोसिएशन और खेल प्रेमियों के द्वारा जिलाधिकारी वंदना सिंह के हाथों सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किया जाएगा। इस हेतु पांच नवम्बर को अपराह्न दाे बजे तल्लीताल डांठ से उन्हें रैली के रूप में माल रोड से होते हुए मल्लीताल स्थित डीएसए मैदान स्थित बास्केटबॉल कोर्ट में लाया जाएगा। यहां दीपाली का सार्वजनिक अभिनंदन किया जाएगा। विदित हो कि दीपाली के पिता रणजीत थापा नैनीताल में वन दरोगा के पद पर कार्यरत हैं और स्वयं भी ताइक्वांडो के राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार की खेल नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीतने पर खिलाड़ियों को 50 हजार रुपये और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोतिा जीतने पर 3 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी