– गोवंश पालने वालों को मिलेगा क्रेडिट कार्ड
– गो सेवा करने वाले 10 श्रेष्ठ गोपालकों का किया सम्मान
भोपाल, 2 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय गोवर्धन-पूजा कार्यक्रम शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान गोवंश का पूजन किया और गोवंश पालकों के लिए कई घोषणाएं भी की। साथ ही गो सेवा करने वाले 10 श्रेष्ठ गोपालकों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को तो क्रेडिट कार्ड मिलता ही है, लेकिन अब गोवंश पालने वालों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वे गोवंश के पालन के लिए रुपयों का इंतजाम कर सकें। 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में 5 से 10 हजार गोवंश के पालन के लिए जो भी खर्च आएगा, उसका प्रबंध राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने गोवंश के अवैध परिवहन और तस्करी के मामले में 7 साल की सजा का प्रावधान कर रखा है। सरकार ने यह भी तय किया है कि आने वाले समय में गोवंश का पालन करने और दुग्ध उत्पादन करने वालों को बोनस दिया जाएगा। इसके लिए गुजरात के अमूल संस्थान की गतिविधियों का परीक्षण कराया है। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, लखन पटेल, सांसद आलोक शर्मा भी मौजूद रहे। स्वामी अच्युतानंद और गो संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले स्वामी हरिओमानंद भी मौजूद रहे।
डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने नेशनल डेयरी बोर्ड के साथ प्रदेश के सभी 51 हजार गांव में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर फोकस किया है, ताकि दुग्ध उत्पादन का प्रतिशत 9 से बढ़कर 20 प्रतिशत तक पहुंचाया जा सके। अभी प्रदेश में एक करोड़ 39 लाख पशुधन हैं, जिसे और बढ़ाने पर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा, गाय और गंगा, भारत की संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है। ये पालनहार और तारणहार भी हैं। वेद, पुराण, उपनिषद, स्मृति-ग्रंथों, रामायण, महाभारत और वांग्मय में गौ-महिमा का वर्णन है। गाय को सुरभि, कामधेनु, अर्च्या, यज्ञपदी, कल्याणी, इज्या, बहुला, कामदुधा, विश्व की आयु, रुद्रों की माता और वसुओं की पुत्री के रूप में सुशोभित किया गया है। गोवर्धन पूजा प्रकृति के सम्मान का उत्सव है। धरा पर गाय और गंगा ही हैं, जो ईश्वर को अत्यंत प्रिय हैं। इनके बिना भारतवर्ष की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सर्वदेवमयी गाय को वेदों में अघ्न्या (अवध्या) बताया गया है। त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने वनगमन के पूर्व गोदान किया था। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में गायों संग समय व्यतीत कर भारतवर्ष को गाय की महत्ता का संदेश दिया है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत