गुवाहाटी, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने संबंधित लोगों को चेतावनी दी है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में सड़कों पर किसी तरह से कोई ‘दंगा’ नहीं करेगा।
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन के संबंध में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा, चाहे एएमएसयू (ऑल असम मुस्लिम स्टूडेंट्स यूनियन) हो या कोई और, वक्फ अधिनियम का विरोध करने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया है। इसलिए इस बारे में अधिक शोर मचाने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को कानून से संबंधित कोई बात कहनी है तो वह सर्वोच्च न्यायालय में जाकर अपनी राय व्यक्त कर सकता है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप सैकिया की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा, इस कानून के खिलाफ भले ही लोग हों, लेकिन इसके पक्ष में भी लोग हैं। तो अगर आप विरोध के नाम पर सड़कों पर निकलेंगे तो क्या होगा जब समर्थक सामने आ जाएंगे? इसलिए हमारी सलाह है कि सड़कों पर लड़ाई लड़ने के बदले सुप्रीम कोर्ट जाएं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने त्वरित जवाब दिया, इससे पहले वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई थी। कल हमने (सरकार ने) सुप्रीम कोर्ट में भी एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें वक्फ के पक्ष में दलील दी गई है। न्यायाधीश सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएंगे। इस स्थिति में हमें क्या करना चाहिए? हमारा काम पूरा हो गया है, विधेयक संसद में पारित हो गया है और बाद में यह कानून बन गया है। गेंद अब सुप्रीम कोर्ट में है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन, सड़कों पर अराजकता नहीं चलेगी।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
