
गुवाहाटी, 15 मई (Udaipur Kiran) । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि बलुचिस्तान (पाकिस्तान) में स्थित हिंगलाज माता मंदिर हिन्दू परंपरा के 51 पूज्य शक्तिपीठों में एक है और यह स्थल हिन्दुओं के लिए गहरी ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्ता रखता है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, यह मंदिर हिंगोल राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित है और ऐसी मान्यता है कि यहां देवी सती का शिर गिरा था। इसी कारण यह स्थान शाक्त धर्म का एक पवित्र स्थल माना जाता है। सदियों से सिंधी, भवसार और चारण समुदाय के भक्त यहां रेगिस्तान के बीचोंबीच तीर्थयात्रा करते आए हैं।
डॉ. सरमा ने कहा कि धार्मिक आस्था के साथ-साथ यह मंदिर इस बात का प्रमाण है कि उपमहाद्वीप के विभाजन से बहुत पहले से ही बे
बलुचिस्तान क्षेत्र में हिन्दू सांस्कृतिक परंपरा मौजूद थी। उल्लेखनीय है कि स्थानीय बलोच लोग भी इस मंदिर को ‘नानी मंदिर’ कहकर आदर और श्रद्धा से देखते हैं।
मुख्यमंत्री ने इसे सात पीढ़ियों से चली आ रही सांप्रदायिक एकता और पारस्परिक सद्भाव का प्रतीक बताया और कहा कि यह मंदिर उपमहाद्वीप के साझे सांस्कृतिक इतिहास का जीवंत उदाहरण है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
