मुंबई, 01 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नासिक में कहा कि रोगी सेवा ही ईश्वर सेवा है, इसलिए सभी लोगों को अस्पतालों में समाज के हर जरूरतमंद को सर्वोत्तम उपचार मिले, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सहायता कोष और धर्मादाय अस्पताल राहत प्रकोष्ठ के सभी लोगों से गतिशीलता, पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम करने और की अपील की।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज महाराष्ट्र पर्यावरण अभियांत्रिकी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान अकादमी (मित्र) नासिक में आयोजित मुख्यमंत्री सहायता कोष और धर्मादाय अस्पताल राहत प्रकोष्ठ के जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, विधायक सीमा हिरय, विधायक एडवोकेट राहुल ढिकले, पुलिस उप महानिरीक्षक दत्तात्रय कराले, जिला कलेक्टर जलज शर्मा, मुख्यमंत्री सहायता कोष प्रकोष्ठ प्रमुख रामेश्वर नाईक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता कोष प्रकोष्ठ का गठन विश्वास की भावना से किया गया है। यह देश का पहला प्रकोष्ठ है, जिसे विदेशी औद्योगिक सामाजिक उत्तरदायित्व निधि प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री सहायता कोष का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में करने की अवधारणा वर्ष 2014 में शुरू की गई थी। इसके लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष प्रकोष्ठ का संस्थागत ढांचा तैयार किया गया है और यह प्रकोष्ठ आम आदमी की मदद के लिए बनाया गया है। अब यह प्रकोष्ठ जिला स्तर पर भी स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकोष्ठ के माध्यम से धर्मार्थ अस्पताल के कामकाज में पारदर्शिता भी लानी होगी और दुरुपयोग को रोकना होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ के प्रशासकीय अधिकारी तथा महाराष्ट्र एड्स नियंत्रण संगठन के परियोजना निदेशक डॉ. सुनील भोकरे, सह प्रकोष्ठ प्रमुख शरद घावटे, उप प्रकोष्ठ प्रमुख शेखर नामदास, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. जगदीश साकवान, वैद्यकीय समन्वयक डॉ. सवानंद सोनार, प्रशासकीय सलाहकार दत्तात्रय विभूते सहित राज्य के सभी जिला स्तरीय प्रकोष्ठों के प्रमुख अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) यादव
