-25 अक्टूबर को होगी आसू की दूसरी बैठक
गुवाहाटी, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । असम समझौते की छठी धारा के कार्यान्वयन पर सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के नेतृत्व ने आज लोकसेवा भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में बैठक में लिए गये निर्णय और बैठक की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सेवानिवृत्त न्यायाधीश विप्लव कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट की सभी सिफारिशों को लागू करना चाहती है। सरकार आसू को विश्वास में लेकर उस दिशा में आगे बढ़ना चाहती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कई कैबिनेट मंत्रियों की आसू नेताओं की मौजूदगी में बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बिप्लब शर्मा की रिपोर्ट को आज पहली बार दोनों पक्षों के हाथों में लेने के साथ ही इसे जनता के लिए जारी किया। असम समझौता कार्यान्वयन विभाग कल अपनी वेबसाइट पर न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित करेगा, जहां जनता को पहली बार पता चलेगा कि रिपोर्ट में क्या है।
इस रिपोर्ट की सिफ़ारिशों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है। 40 विषय ऐसे हैं जिन्हें राज्य सरकार लागू कर सकती है और 12 विषय ऐसे हैं जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की जिम्मेदारी के तहत हैं और 15 विषय ऐसे हैं जो पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आसू ने आज रिपोर्ट के वर्गीकरण को स्वीकार कर लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आसू से चर्चा कर केंद्र के अधिन 15 सिफारिशों को किस तरह से क्रियान्वित किया जा सकता है, इस संदर्भ में आसू के साथ एक चर्चा के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। आज की चर्चा में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के अधीन आने वाले मुद्दों को हम किस प्रकार क्रियान्वित करेंगे, इसकी कार्ययोजना हम अगले माह 25 अक्टूबर को आसू को सौंपेंगे।
आसू के साथ दूसरी बैठक 25 अक्टूबर को होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि यदि आसू राज्य सरकार की कार्य योजना को मंजूरी दे देती है तो राज्य सरकार अप्रैल 2025 तक सिफारिशों को लागू करने का प्रयास करेगी। इस बीच, राज्य सरकार की जिम्मेदारी के तहत 52 सिफारिशें अप्रैल से पहले लागू की जाएंगी।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी के तहत सिफारिशों को तीन मुख्य श्रेणियों भूमि अधिकार, भाषा अधिकार और सांस्कृतिक अधिकार में विभाजित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बराक घाटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विप्लव कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
इसी प्रकार, छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में सिफारिशों को तभी लागू किया जा सकता है, जब छठी अनुसूची प्राधिकरण सिफारिशों को स्वीकार कर ले।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय